रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को आत्मनिर्भर बनाने संबंधी प्रधानमंत्री स्व निधि कार्यक्रम के अंतर्गत 50 लाख से अधिक लोगों को लाभ पहुंचाकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं की शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जो लोगों को अनिवार्य वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करते हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत इस कार्यक्रम के जरिये लाभार्थियों को औपचारिक आर्थिक दायरे में शामिल करने और विकास के नये अवसर प्रदान करने में मदद मिली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य इस कार्यक्रम की पहुंच का विस्तार करने का रहा है। मंत्रालय ने इस वर्ष पहली जुलाई से इस कार्यक्रम के अंतर्गत संशोधित लक्ष्य हासिल करने के लिए विशेष अभियान चलाया। इस अवधि में कई उच्च स्तरीय समीक्षा और निगरानी गतिविधियां आयोजित की गई। संयुक्त प्रयासों की बदौलत 86 अरब रुपये के, करीब छियासठ लाख ऋण, पचास लाख से अधिक लाभार्थियों को वितरित किये गये। पिछले तीन महीनों में 12 लाख से अधिक नये लाभार्थियों के पंजीकरण को देखते हुए राज्यों ने इस कार्यक्रम का व्यापक स्वागत किया है।
पीएम स्वनिधि योजना जून, 2020 में शुरू की गई थी। इसका लक्ष्य शहरी गली विक्रेताओं को सूक्ष्म ऋण प्रदान करना है। इसके अंतर्गत 50 हजार रुपये तक के ऋण बिना किसी प्रतिभूति के दिए जाते हैं।
(Aabhar Air News)