सेना, नौसेना और वायुसेना महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाने के लिए चौबीसों घंटे काम में लगे हुए हैं। वे बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा राहत भी मुहैया करा रहे हैं। इन क्षेत्रों में तैनाती के लिए और राहत दलों तथा विमानों को तैयार रखा गया है।
तीनों राज्यों के बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में तीनों सेनाएं नागरिक प्रशासन और राष्ट्रीय तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। महाराष्ट्र के सबसे अधिक प्रभावित रत्नागिरी, कोल्हापुर और सांगली जिलों के प्रशासनों के साथ मिलकर भारतीय सेना ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में विभिन्न कार्यबलों को तैनात किया है।
इन दलों ने राहत और बचाव कार्य करते हुए चिपलून, शिरॉल, हटकांगले, पालूस और मिराज इलाकों में लोगों की जान बचाई।
कर्नाटक में भारतीय नौसेना ने गोताखोरों, रबड़ की जैमिनी नौकाओं, जीवनरक्षक जैकेटों और चिकित्सा उपकरणों की सहायता से बाढ़ राहत कार्यों के लिए सात राहत दलों को काम पर लगाया हुआ है। इन दलों ने कादरा बांध के निकट सिंगुडडा और भैरे गांवों से 165 लोगों को सुरक्षित निकाला जबकि 70 लोगों को काइगा के निचले इलाकों से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
नौसेना के सीकिंग, अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों और भारतीय वायुसेना के एम आई-17 हेलीकॉप्टरों ने कई चक्कर लगाकर, जल स्तर में अचानक आई तेजी के कारण फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। इनकी सहायता से बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया गया जिससे कि वरिष्ठ अधिकारी स्थिति का जायजा ले सकें और राहत तथा बचाव कार्यों की रूपरेखा तैयार कर सकें।
भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा चालीस टन राहत सामग्री के साथ भुवनेश्वर, कोलकाता और वडोदरा से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल- एन डी आर एफ के लगभग चार सौ जवानों को महाराष्ट्र के पुणे, कोल्हापुर, रत्नागिरी तथा गोवा ले जाया गया।