भारत ने जिनेवा में नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर
अंतर्राष्ट्रीय अनुबंध (ICCPR) के तहत संयुक्त
राष्ट्र मानवाधिकार समिति द्वारा अपनी चौथी आवधिक समीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न की।
मानवाधिकार समिति, जिसमें 18 स्वतंत्र विशेषज्ञ शामिल हैं, ICCPR के कार्यान्वयन की निगरानी करती
है, आवधिक समीक्षा करके
सभी देशों की रिपोर्टों की समीक्षा करती है और अवलोकन और सिफारिशें करती है। विदेश
मंत्रालय ने कहा कि ICCPR में प्रदत्त अधिकारों और स्वतंत्रता की गारंटी संविधान, विधायी और न्यायिक ढांचे के तहत है। भारत 1979 में ICCPR का एक पक्ष बना और अब
तक ऐसी तीन समीक्षाओं से गुजर चुका है, जिनमें से अंतिम 1997 में हुई थी।