भारत विभिन्न धर्म आस्थाओं और संस्कृतियों का देश है और यहां हर दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है हर धर्म को मानने वाले लोग पूरे उत्साह के साथ अपने पर्व मनाते हैं लेकिन कुछ त्यौहार ऐसे भी होते हैं जो भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है और पूरे देश में सम्मान और स्नेह के साथ मनाए जाते हैं 26 जनवरी भी एक ऐसा ही दिन है जो देश का राष्ट्रीय पर्व है देश का हर नागरिक चाहे वह किसी धर्म जाति या संप्रदाय से ताल्लुक रखता हो इस दिन को राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत होकर मनाता है | 


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26 जनवरी के अवसर पर जहां इस बार गणतंत्र दिवस का पर्व दिल्ली में बिना किसी मुख्य अतिथि के धूमधाम से मनाया गया | वहीं दूसरी तरफ लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्र में भी गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम लद्दाख जिला मुख्यालय से 270 किलोमीटर की दूरी पर 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित जंस्कार घाटी की सबसे ऊंची चोटी पर -35 डिग्री तापमान के बीच लद्दाख के दशरथ मांझी के नाम से मशहूर पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुल्ट्रीम चोनजोर, शेयरिंग ग्यूमेत, तेनजिन लाकपा, उप जिला अधिकारी तेनजिंग चोग्याल, लद्दाख के लोकप्रिय सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल और लद्दाख के स्थानीय निवासियों की उपस्थिति में पूरे हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व को मनाया गया |

शून्य से नीचे तापमान होने के बावजूद स्थानीय लोगों का जज्बा देश के लोगों को भी प्रेरणा देता है | देशभक्ति की ऐसी मिसाल शायद ही देश के किसी कोने में देखने को मिलती हो | आपको बताते चलें कि वर्तमान समय में शीतकालीन खेलो इंडिया यूथ गेम भी लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश में स्थानीय सांसद और लद्दाख प्रशासन की देखरेख में चल रहा है जिसका समापन 30 जनवरी को होगा |