म्यांमा के सैनिक शासन ने कल आश्वासन दिया कि देश में चुनाव कराए जाएंगे और चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपी जाएगी। इस बीच, पुलिस ने सत्ता से बेदखल की गई नेता आंग सान सू ची के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया है।


म्यांमा के सैनिक शासन ने सत्ता पर कब्जे को सही करार दिया और इस बात से इंकार किया कि वहां तख्तापलट किया गया है। देश में सू ची और गिरफ्तार किए गए अन्य नेताओं के समर्थन में सड़कों पर भारी प्रदर्शन हुए हैं। चीन ने जहां एक ओर म्यांमा में सैनिक कार्रवाई की मदद की अटकलों को खारिज किया वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सू ची के विरुद्ध नए अभियोगों को मनगढ़न्त करार दिया।


म्यांमा की सत्ताधारी परिषद के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल जाव मिन तुन ने सू ची की सरकार को हटाए जाने के बाद पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका उद्देश्य देश में चुनाव कराना और विजेता दल को सत्ता सौंपना है। नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची और राष्ट्रपति को हिरासत में लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए अपने घरों में रखा गया है तथा कानून के हिसाब से कार्रवाई हो रही है।


इस बीच, कल म्यांमा में प्रदर्शनकारियों ने अवज्ञा आंदोलन के समर्थन में रेल पटरियों पर धरना दिया और यांगून तथा दक्षिणी शहर मावलामाइन के बीच रेल सेवा ठप कर दी। वहीं तख्तापलट के खिलाफ बौद्ध भिक्षुओं ने यांगून में रैली निकाली और पश्चिमी तटीय शहर थंकेड में भी हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया।


साभार- AIR