राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज बंगलुरू के वैकुंठ पहाडियों पर बने इस्‍कॉन श्री राजाधिराज गोविंद मंदिर का लोकापर्ण किया। यह मंदिर आंध्रप्रदेश के तिरूपति मंदिर में स्‍थापित भगवान वेंकटेश्‍वर की प्रतिकृति है। लोकार्पण समारोह के बाद राष्‍ट्रपति ने मंदिर के दिव्‍य परिवेश और वास्‍तुकला की सराहना की। श्री कोविंद ने कहा कि यह स्‍थल दिव्‍य ऊर्जा स्‍पंदन और श्रद्धा-भक्ति के रूप में ईश्‍वर की उपस्थिति का प्रतीक है। उन्‍होंने कहा कि यह मंदिर मात्र पूजा स्‍थल नहीं, बल्कि कला, स्‍थापत्‍य, परम्‍परा और ज्ञान का पावन संगम है।
    
राष्‍ट्रपति ने कहा कि सभी मार्ग कर्म, ज्ञान और भक्ति के माध्‍यम से ईश्‍वर तक पहुंचाते हैं। शंकराचार्य, माधवाचार्य, रामानुजाचार्य, रामकृष्‍ण परमहंस और चैतन्‍य महाप्रभु जैसे आध्‍यात्मिक गुरूओं ने कर्म, श्रद्धा और भक्ति का ही मार्ग दिखाया है। अर्जुन के साथ संवाद के माध्‍यम से भगवान कृष्‍ण के संदेशों के प्रसार में इस्‍कॉन की भूमिका की सराहना करते हुए श्री कोविंद ने अक्षय पात्र फाउण्‍डेशन के जरिये संस्‍था के मानवीय कार्यों की भी सराहना की। अक्षय पात्र फाउण्‍डेशन देश के 18 लाख बच्‍चों को नि:शुल्‍क दोपहर का भोजन उपलब्‍ध कराता है। कोविड महामारी के दौरान इसने वंचित लोगों तक 25 करोड खाने के पैकेट पहुंचाये। (Aabhar Air News)