प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने के लिए देश में सूक्ष्म, लघु, मझोले उद्यम यानी एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाना जरूरी है। नई दिल्ली में उद्यमी भारत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बनाने का संकल्प लिया है और इस सिलसिले में कई पहल की गई हैं। उन्होंने कहा कि  भारत की अर्थव्यवस्था का लगभग एक तिहाई हिस्सा एमएसएमई से आता है। भारत की विकास यात्रा में एमएसएमई की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए पिछले आठ वर्षों के बजट में साढे छह गुणा से अधिक की वृद्धि की है। श्री मोदी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए आत्मनिर्भर निधि के तहत पचास हजार करोड़ जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि जब सबसे बड़ा संकट आया तो सरकार ने सबसे पहले छोटे उद्यमों को बचाने का फैसला किया और उन्हें नई ताकत दी। श्री मोदी ने बताया कि आपातकालीन ऋण रेखा लाइन गारंटी योजना के तहत, एमएसएमई के लिए साढे तीन लाख करोड़ रुपये सुनिश्चित किए और सेवा तथा विनिर्माण क्षेत्रों के बीच की खाई को पाट दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खरीद पोर्टल जेम के माध्यम से, सरकार ने एमएसएमई को सार्वजनिक खरीद प्रणाली का हिस्सा बनने के लिए एक मंच प्रदान किया।
कार्यक्रम के दौरान, श्री मोदी ने 'राइजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस' (रैंप) योजना, 'पहली बार एमएसएमई निर्यातकों की क्षमता निर्माण' योजना और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की नई विशेषताओं का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने 2022-23 के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लाभार्थियों को डिजिटल रूप से सहायता हस्तांतरित की। श्री मोदी ने एमएसएमई आइडिया हैकथॉन-2022 के परिणामों की भी घोषणा की और राष्ट्रीय एमएसएमई पुरस्कार वितरित किए। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत कोष में 75 एमएसएमई को डिजिटल इक्विटी सर्टिफिकेट भी जारी किया।(Aabhar Air News)