उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों के खिलाफ शिवसेना-उद्धव ठाकरे गुट की नई याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इन विधायकों ने महा विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे0बी0 पारदीवाला की अवकाश पीठ मुख्य याचिकाओं के साथ ही 11 जुलाई को सुनवाई करने पर सहमत हो गई।
शीर्ष न्यायालय शिवसेना के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की नई याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और 15 अन्य विधायकों को अयोग्य करार देने पर फैसला होने तक उन्हें निलंबित करने की मांग की गई है।
शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को बागी नेता एकनाथ शिंदे और 15 अन्य विधायकों को राहत देते हुए विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल द्वारा उन्हें भेजे गये नोटिस का जवाब 12 जुलाई तक देने को कहा था। इसके दो दिन बाद, राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का निर्देश दिया। हालांकि राज्यपाल के निर्देश को शिवसेना ने चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून को इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कल शाम एकनाथ शिंदे ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र जो दो और तीन जुलाई को होना था, अब तीन और चार जुलाई को होगा। राज्य विधानसभा सचिवालय की विज्ञप्ति में बताया गया है कि अध्यक्ष का चुनाव तीन और चार जुलाई को होगा। नामांकन कल दोपहर 12 बजे तक भरे जा सकते हैं। सचिवालय ने सभी विधायकों से इस सत्र में उपस्थित रहने की अपील की है। (Aabhar Air News)