प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि समावेशन के बिना वास्तविक विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले आठ वर्ष में समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किये हैं। श्री मोदी ने कहा कि निर्धन लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कल नई दिल्ली में पहला अरुण जेटली स्मारक व्याख्यान दिया। श्री मोदी ने कहा कि देश में अगले 25 वर्ष के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है।
आज का भारत Reforms by Compulsion के बजाय Reforms by Conviction से आने वाले 25 साल का रोडमैप तैयार कर रहा है। देश आजादी के सौ साल मनाएगा तब देश कहां होगा, इस लक्ष्य को ले करके हम आज रोडमैप बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। रिफॉर्म जितने जरूरी होते हैं, उतना ही जरूरी वो एन्वायरमेंट होता है, मोटिवेशन होता है। हम रिफॉर्म को नैसेसरी ऐविल के रूप में नहीं, बल्कि एक विन विन च्वाइस के रूप में मानते हैं, जिसमें राष्ट्रहित भी है, जनहित भी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ करोड़ महिलाओँ को मुफ्त गैस कनेक्शन दिये गए तथा गरीबों के लिए 10 करोड़ शौचालय बनाए गए। 45 करोड़ जन-धन खाते खोले गए तथा गरीब लोगों के लिए तीन करोड़ पक्के मकान बनाए गए। श्री मोदी ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत साढ़े तीन करोड़ लोगों का मुफ्त इलाज किया गया। सरकार की इन योजनाओं से वंचित लोगों को मुख्य धारा में लाकर विकास सुनिश्चित किया गया। श्री अरुण जेटली को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ मिलनसार स्वभाव के थे।
उनकी ऑरिटरी, हम सब उसके कायल थे और उनके वन लाइनर लम्बे अरसे तक हवा में गूंजते रहते थे। उनका व्यक्तिव विविधता से भरा था और उनका स्वाभाव सर्वमित्र वाला था और उनके व्यक्तित्व की इस खूबी को सभी आज भी याद करते हैं और हर कोई उनकी कमी महसूस करता है। मैं अरुण जेटली जी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं।
सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री थर्मन शणमुगारतनम ने मुख्य व्याख्यान में कहा कि श्री अरुण जेटली विनम्रता और उदारता की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने कहा कि श्री जेटली ने जीएसटी जैसे जटिल सुधारों को लागू किया। श्री शणमुगारतनम ने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत के पास विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए भारत सरकार के सुधारों और योजनाओं की सराहना की। (Aabhar Air News)