श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सेना से कानून- व्‍यवस्‍था बनाए रखने के लिए हर आवश्‍यक कदम उठाने को कहा है।
राष्‍ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने देश से पलायन करने से पहले श्री विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्‍ट्रपति नियुक्‍त किया, लेकिन इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन और तेज हो गया है। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को भी हटना होगा।
श्रीलंका दशकों में सबसे गम्‍भीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।  राजपक्षे प्रशासन और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को इस समस्‍या का कारण माना जा रहा है।
एक सप्‍ताह से भी कम समय में कल दूसरी बार प्रदर्शनकारी कड़ी सुरक्षा वाले प्रधानमंत्री कार्यालय में घुस गए। विक्रमसिंघे ने प्रदर्शनकारियों से प्रधानमंत्री कार्यालय खाली करने और अधिकारियों से सहयोग करने की अपील की है। (Aabhar Air News)