रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद-डीएसी ने 28 हजार 732 करोड़ रुपये के हथियारों की खरीद के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देने के लिए ये हथियार स्वदेश में डिजाइन, विकसित और विनिर्मित-आई डी डी एम श्रेणी के तहत खरीदे जाएंगे।
नियंत्रण रेखा के निकट तैनात सैनिकों और आतंकरोधी अभियानों में गोली लगने के खतरे के कारण बुलटप्रूफ जैकेटों की मांग बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए डीएसी ने भारतीय मानक बीआईएस-सिक्स के सुरक्षा स्तर वाली बुलटप्रूफ जैकेट के लिए आवश्यक मंजूरी प्रदान की है।
नियंत्रण रेखा - एल ए सी और पूर्वी सीमाओं पर पारंपरिक और हाईब्रिड युद्ध तथा आतंकरोधी कार्रवाइयों के वर्तमान जटिल परिदृश्य से निपटने के लिए डी ए सी ने सेना के लिए लगभग चार लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कार्बाइन की भी आवश्यक मंजूरी प्रदान की। इससे भारत में छोटे हथियार बनाने के उद्योग और इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने को बढ़ावा मिलेगा।
दुनियाभर में हाल के संघर्षों में सैन्य कार्रवाई के दौरान ड्रोन प्रौद्योगिकी बहुउपयोगी सिद्ध हुई है। आधुनिक युद्ध कौशल में भारतीय सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय आई डी डी एम श्रेणी की खरीद के तहत डी ए सी ने ऑटोनोमस सर्विलांस एंड आर्म्ड ड्रोन स्वार्म्स की आवश्यक खरीद की भी स्वीकृति दी।
डी ए सी ने एक हजार दो सौ पचास किलोवाट की क्षमता के उन्नत मरीन गैस टरबाइन जनरेटर की खरीद के नौसेना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। यह भारतीय उद्योग के माध्यम से कोलकाता वर्ग के जलपोतों पर बिजली बनाने के लिए काम आएगा। इससे गैस टरबाइन जनरेटरों के स्वदेशी विनिर्माण को बड़ा प्रोत्साह मिलेगा।
देश के तटीय क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए डी ए सी ने तीव्र गति वाले चौदह निगरानी वाहनों की खरीद का प्रस्ताव भी मंजूर किया। यह वाहन भारतीय आई डी डी एम श्रेणी की खरीद के तहत भारतीय तट रक्षक बल के लिए खरीदे जाएंगे। (Aabhar Air News)