केन्द्र ने सार्वजनिक निजी भागीदारी के अंतर्गत मंकीपॉक्स से निपटने के लिए वैक्सीन और जांच किट विकसित करने के वास्ते फार्मा कम्पनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। अभिरूचि प्रस्ताव प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख दस अगस्त है।
इससे पहले कई फार्मा कम्पनियों ने मंकीपॉक्स के खिलाफ सम्भावित वैक्सीन को लेकर सरकार के साथ विचार-विमर्श शुरू किया है। देश में अब तक चार लोगों में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है। एक संक्रमित व्यक्ति दिल्ली का है, जबकि तीन केरल से हैं। नीति आयोग के सदस्य वी.के. पॉल ने कहा है कि भारत इस बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और घबराने की जरूरत नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले हफ्ते मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया था। स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल ने बताया है कि जिन देशों में यह बीमारी नहीं पाई गई है, वहां भी मंकीपॉक्स संक्रमण की खबरें मिल रही हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-आईसीएमआर के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने भारत में पहली बार मंकीपॉक्स वायरस को पृथक किया है। विषाणु विज्ञान संस्थान को संक्रमित भारतीय मरीज़ों के नमूनों से मंकीपॉक्स वायरस के स्ट्रेन को सफलतापूर्वक पृथक कर इसके जीवाणु वृद्धि में सफलता मिली है। आईसीएमआर ने एक ट्वीट में कहा कि भारत में स्ट्रेन के जो जीनोमिक सीक्वेंस मिले हैं वे पश्चिम अफ्रीकी देशों के 99 दशमलव आठ पांच प्रतिशत स्ट्रेन की तरह हैं।
आईसीएमआर ने मंकीपॉक्स के स्वदेशी टीके और जांच किट विकसित करने के लिए टीके उत्पादन और जांच किट निर्माण उद्योग के इच्छुक भागीदारों से अभिरूचि प्रस्ताव भी आमंत्रित किया है। आईसीएमआर उन्हें मंकीपॉक्स वायरस का स्ट्रेन सौंपने के लिए तैयार है। मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है। इसके लक्षण बुखार, त्वचा पर चकत्ते, लिम्फ नोड का बढ़ना, सरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकावट और गले में खराश और खांसी हैं। (Aabhar Air News)