राज्यसभा के तीन सदस्यों को उनके अनुचित व्यवहार के लिए सप्ताह के शेष दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। इनमें आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, संदीप पाठक और निर्दलीय सदस्य अजीत कुमार भुइयां शामिल हैं। इससे पहले राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस, डीएमके पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वामपंथी दलों और आम आदमी पार्टी के 20 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था।
इसी तरह, चार लोकसभा सदस्यों को भी उनके अनुचित व्यवहार के लिए निलंबित किया जा चुका है।
पहले स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने सभापति का अपमान करने और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के कारण नियम-256 के तहत सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। सदन ने ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया। इसी दौरान कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी सदस्य महंगाई और गुजरात शराब कांड के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की आपत्तिजनक टिप्पणी का मुद्दा उठाया। उन्होंने देश के आदिवासी समुदाय और महिलाओं के खिलाफ की गई टिप्पणी की निंदा की। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी भी की। हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सदन की बैठक शुरू होने पर मूल्यवृद्धि और गुजरात शराब कांड के मुद्दे पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, और अन्य विपक्षी सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए।
इस बीच, वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी का मुददा उठाया। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी से राष्ट्रपति का अपमान हुआ है जो जनजातीय समुदाय से हैं। वित्तमंत्री ने मांग की कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
सभापति एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि किसी को भी राष्ट्रपति के प्रति अपमानजनक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से बार बार आग्रह किया कि वे अपनी सीटों पर बैठ जाएं लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। बाद में सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी।(Aabhar Air News)