प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप सभी राज्‍यों के सामूहिक प्रयासों की सराहना की है। उन्‍होंने कहा कि इस सामूहिक शक्ति से ही देश को कोविड महामारी से उबरने में मदद मिली। कल नई दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति भवन सांस्‍कृतिक केन्‍द्र में नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक राज्‍य ने अपनी क्षमता के अनुरूप महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई और कोविड के खिलाफ संघर्ष में योगदान किया। इससे भारत विकासशील देशों के लिए एक उदाहरण और वैश्विक नेता के रूप में सामने आ सका। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का संघवादी ढांचा और सहकारी संघवाद कोविड संकट के दौरान पूरे विश्‍व के लिए एक मॉडल बना। भारत ने विकासशील देशों के लिए सशक्‍त संदेश दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद चुनौतियों पर विजय पाना संभव है। श्री मोदी ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय राज्‍य सरकारों को जाता है, जिन्‍होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामूहिक प्रयासों से बिलकुल निचले स्‍तर तक सहायता पहुंचाने पर ध्‍यान केंद्रि‍त किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक राज्‍य को भारतीय दूतावासों के जरिए व्‍यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी के विकास पर ध्‍यान केंद्रित करना चाहिए। राज्‍यों को आयात कम करने और निर्यात बढाने पर ध्‍यान देना चाहिए और इसके लिए उपलब्‍ध अवसरों की पहचान करनी चाहिये। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को स्‍थानीय उत्‍पादों के उपयोग के लिए प्रोत्‍साहित करना होगा क्योंकि "वोकल फॉर लोकल" किसी एक राजनीतिक दल का एजेंडा नहीं बल्कि एक साझा लक्ष्‍य है।
प्रधानमंत्री ने अगले वर्ष भारत के जी-20 की अध्‍यक्षता ग्रहण करने की भी चर्चा की और इसे विश्‍व के समक्ष यह उदाहरण रखने का महत्‍वपूर्ण अवसर बताया कि भारत केवल दिल्‍ली तक स‍ीमित नहीं, बल्‍कि यह विभिन्न राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों का संघ है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जी-20 की अध्‍यक्षता एक बड़ा अवसर होने के साथ-साथ एक बड़ा दायि‍त्व भी है। जी-20 के इतिहास में पहली बार भारत पूरे वर्ष भर इस समूह की बैठकों की मेजबानी करेगा। ये बैठकें न केवल दिल्‍ली में बल्कि प्रत्‍येक राज्‍य और केन्‍द्र शासित प्रदेश में आयोजित होंगी। (Aabhar Air News)