गृहमंत्री अमित शाह ने सीमावर्ती राज्‍यों के पुलिस महानिदेशकों को सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रहे जनसांख्यिकी बदलावों पर बारीकी से नज़र रखने को कहा है। नई दिल्‍ली में कल राष्‍ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर दो दिन के सम्‍मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए अमित शाह ने प‍ुलिस महानिदेशकों से कहा कि उनके राज्‍य में, विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में, सभी तकनीकी और रणनीतिक सूचनाएं एकत्र करने की उनकी जिम्‍मेदारी है।
 
गृहमंत्री ने कहा कि सभी राज्‍यों को राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुडे मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए और इनके प्रति एकजुट कार्रवाई करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि देश ने जम्‍मू कश्‍मीर में आतंकवाद, पूर्वोत्‍तर में विभिन्‍न उग्रवादी गुटों और वाम उग्रवाद से निपटने में बडी कामयाबी हासिल की है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में देश में अनेक नए कानून लागू किए गए हैं, राज्‍यों के साथ समन्‍वय बढ़ाया गया है, बजट आवंटन में बढोतरी की गई है और इस दिशा में प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग किया गया है।
 
गृहमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार राष्‍ट्रीय स्‍वचालित फिंगर प्रिंट पहचान प्रणाली के रूप में नई व्‍यवस्‍था विकसित की गई है।
गृहमंत्री ने कहा कि केन्‍द्र सरकार पहली बार विभिन्‍न प्रकार के अपराधों का वैज्ञानिक आधार पर डेटाबेस तैयार कर रही है। उन्‍होंने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए 5-जी प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर बल दिया।
सम्‍मेलन में आतंकवाद और कट्टरवाद से निपटने, माओवादी चुनौतियों, क्रिप्‍टोकरेंसी, ड्रोन प्रौद्योगिकी, साइबर और सोशल मीडिया निगरानी और मादक पदार्थों की तस्‍करी जैसी समस्याओं पर भी चर्चा हुई।  (Aabhar Air News)