प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कल नई दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्‍सव पर राष्‍ट्रीय समिति की दूसरी बैठक को संबोधित किया। लोकसभा अध्‍यक्ष, राज्‍यपाल, केन्‍द्रीय मंत्री, मुख्‍यमंत्री, राजनीतिक नेता, अधिकारी, आध्‍यत्‍मिक गुरू, कलाकार और फिल्‍मी हस्तियों सहित राष्‍ट्रीय समिति के विभ‍िन्‍न सदस्‍य बैठक में शामिल हुए।


राष्‍ट्रीय समिति की पहली बैठक इस वर्ष आठ मार्च को हुई थी। बारह मार्च को प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्‍सव का शुभारंभ किया था।

बैठक में श्री मोदी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्‍सव ऐसे समय मनाया जा रहा है जब पूरा व‍िश्‍व कोविड संकट से गुजर रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस संकट ने हमें नई सीख दी, नयी चुनौतियां सामने रखीं और मौजूदा व्‍यवस्‍था को डगमगा दिया। इससे कोविड बाद के दौर में एक नई विश्‍व व्‍यवस्था का उदय होगा। श्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है और इसमें एशिया में भारत के दर्जे को ध्‍यान में रखना महत्‍वपूर्ण है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अवसर वर्ष-2047 में आजादी के शतवार्षिकी समारोहों पर ध्‍यान केन्‍द्रि‍त करने का भी है। श्री मोदी ने कहा कि उस समय व्‍यवस्‍था और देश का भविष्‍य मौजूदा पीढी के हाथों में होगा। इस लिए अभी यह निर्णय लेना महत्‍वपूर्ण है कि उनमें किन योग्‍यताओं का समावेश किया जाए ताकि‍ वे इस दायित्‍व को संभालने और देश के भविष्‍य के लिए योगदान करने में सक्षम हों। श्री मोदी ने कहा कि कर्तव्‍यों के प्रति प्रतिबद्धता प्राथमिकता होनी चाहिए और देश के लिए सार्थक योगदान का संकल्‍प लेना चाहिए। आजादी का अमृत महोत्‍सव युवाओं में यह कर्तव्‍य बोध जागृत करेगा।


श्री मोदी ने कहा कि देश के लिए अपना जीवन न्‍यौछावर करने वाले स्‍वतंत्रता सेनानियों और अज्ञात योद्धाओं का योगदान हमेशा याद रखा जाना चाहिए। उन्‍होंने अमृत महोत्‍सव के आयोजन में जन भागीदारी सुनिश्‍चित करने की अपील की।


समिति के सदस्‍यों ने आजादी का अमृत महोत्‍सव आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्‍यवाद दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने अपने स्‍वागत भाषण में इस अभियान के उद्देश्‍य और प्रमुख पांच स्‍तंभों का उल्‍लेख किया। समापन संबोधन में गृहमंत्री ने मूल्‍यवान सुझावों के लिए प्रधानमंत्री मोदी और राष्‍ट्रीय समिति के सदस्‍यों का आभार व्‍यक्‍त किया। (Abhar Air News)