हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी है। मंडी जिले के गोहर सबडिवीजन के कशन गांव में भूस्खलन के कारण आठ लोग घर के अंदर फंस गए। जिला प्रशासन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल- एनडीआरएफ की मदद से बचाव अभियान में जुटा है। मंडी-कटोला-प्रसार मार्ग के पास बाघी नाले में बादल फटने की एक अन्य घटना में एक ही परिवार के छह लोग अचानक बाढ़ की चपेट में आ गए। बचाव दल ने एक शव निकाल लिया है। अन्य लापता लोगों की तलाश और बचाव अभियान जारी है।
राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से कुछ राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। तेज बारिश के कारण मंडी, कुल्लू और चंबा जिलों के सभी स्कूल और आंगनबाडी केंद्र बंद कर दिये गये हैं। कांगड़ा जिले में पठानकोट और हिमाचल को जोड़ने वाला चक्की रेलवे पुल भी चक्की खड्ड में अचानक आई बाढ़ में ढह गया है। हालांकि इस पर रेलवे ने पहले ही ट्रेनों की आवाजाही रोक दी थी।
इस बीच, मौसम विभाग ने आज मैदानी, निचले और मध्य पहाड़ियों पर कहीं कहीं तेज से बहुत तेज वर्षा का ऑरेंज अलट जारी किया है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने राज्य में भारी बारिश से जान-माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है।
उत्तराखंड के देहरादून, टिहरी और बागेश्वर जिलों में कल से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित है। बारिश से जुडी घटनाओं में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। देहरादून जिले के रायपुर के सरखेत गांव में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है जहां राज्य आपदा मोचन बल-एस डी आर एफ देर रात से बचाव अभियान में जुटा है। एसडीआरएफ ने प्रभावित क्षेत्रों से 40 से अधिक लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। इस बीच सोंग नदी का जलस्तर बढ़ने से 12 गांवों को जोड़ने वाला पुल भी नदी की तेज धारा में बह गया।
देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर को जोड़ने वाला एक पुल क्षेत्र में नदी का जलस्तर बढ़ने से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इस बीच, टिहरी जिले में लगातार बारिश से तोताघाटी, तिंधारा और अन्य स्थानों पर बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। प्रशासन बंद सड़कों को खोलने में लगा हुआ है। प्रभावित इलाकों में राशन, बर्तन, दूध, बिस्तर, कपड़े, स्ट्रेचर और अन्य राहत सामग्री भेजी जा रही है। गंभीर रूप से घायलों को भेजने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के रायपुर प्रखंड के सरखेत गांव में बीती रात बादल फटने की घटना वाले प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने ने अधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था कर यातायात सुचारू करने के निर्देश दिये।
ओड़ीसा में पिछले 24 घंटों में बने गहरे दबाव की वजह से कई हिस्सों में अत्यधिक वर्षा हुई है। भुवनेश्वर में मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य के दो स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की गई। बालासोर जिले के भोगराई में सबसे अधिक 226 मिलीमीटर और कंधमाल जिले के फिरिंगिया में 211 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग ने दक्षिण झारखंड और उससे लगे उत्तरी ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल क्षेत्र में बना गहरा दबाव पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया है। बाद में इसके कमजोर पड़ने की संभावना है।
विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना के अनुसार महानदी नदी के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में करीब 4 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है। इस बीच महानदी नदी का जल स्तर घट रहा है। हीराकुंड बांध के 16 गेट खोल दिए गए हैं। (Aabhar Air News)