प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने आज नई दिल्ली में देश की स्वतंत्रता के एक सौ वर्ष पूरे होने तक की प्रतिस्पर्धी रूपरेखा जारी की। इसे प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, जी-20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत और परिषद के सदस्य संजीव सान्याल और हावर्ड बिजनेस स्कूल की ओर से डॉक्टर क्रिश्चियन केटेल्स की मौजूदगी में जारी किया गया।
इस अवसर पर डॉ देबरॉय ने कहा कि रूपरेखा में 2047 तक भारत को एक अत्यधिक समृद्ध देश बनने के लिए आर्थिक पहलुओं के महत्व को दर्शाया गया है और यह भी उल्लेख किया गया है कि इस दिशा में क्या करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खपत, निवेश, सरकारी व्यय और शुद्ध निर्यात आर्थिक वृद्धि के संचालक हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से सरकार आकांक्षात्मक जिला कार्यक्रम और उज्ज्वला जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से असमानता को दूर करने के लिए कई कदम उठा रही है।
डॉ देबरॉय ने कहा कि यदि देश के विकास पथ पर ले जाना है तो सरकार की नीतियों और उद्यम तथा बाजार को ही समयबद्ध तरीके से काम करना होगा।
जी समूह के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि विश्व के परिदृश्य में भारत सतत विकास की दिशा में लोगों के जीवन को आसान बनाने और उद्योगों के लिए कारोबार को सुगम बनाने के आदर्श को लेकर आगे बढ रहा है।
प्रतिस्पर्धी रूपरेखा आर्थिक सलाहकार परिषद संस्थान के डॉक्टर अमित कपूर और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर माइकल ई पोर्टर और डॉक्टर क्रिश्चियन केटेल्स के सहयोग से तैयार की गई है।
एक वीडियो संदेश में, प्रोफेसर माइकल पोर्टर ने उल्लेख किया कि रूपरेखा में निहित प्रतिस्परर्धी ढांचा एक कार्यनीति परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है।
एक प्रजेंटेशन में डॉ क्रिश्चियन केटेल्स ने भारत की ताकत और इसके अनूठे फायदों की पूरी समझ बनाने के महत्व पर प्रकाश डाला, जो देश के समग्र राष्ट्रीय मूल्य प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।
यह रूपरेखा सामाजिक प्रगति और साझा समृद्धि में अंतर्निहित स्थिरता और लचीलापन की दिशा में भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए नीतिगत लक्ष्यों, सिद्धांतों और दृष्टिकोणों का प्रस्ताव करती है। (Aabhar Air News)