प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज कोच्चि में देश के पहले स्‍वदेशी विमान वाहक पोत आई.एन.एस. विक्रांत का कोचीन शिपयार्ड में जलावतरण करेंगे। आई.एन.एस. विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्‍यूरो ने तैयार किया है। इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। आई.एन.एस. विक्रांत अत्‍याधुनिक तकनीक से युक्‍त है। ये भारतीय नौसेना के इतिहास में अब तक निर्मित सबसे बड़ा युद्धपोत है। 

आई.एन.एस. विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के बाद देश के पास अब दो विमान वाहक पोत हो जाएंगे, जिससे देश की समुद्री सुरक्षा और सुदृढ होगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री औपनिवेशिक अतीत से मुक्‍त और भारत की समृद्ध समुद्री विरासत के अनुरूप नौसेना के नए चिन्‍ह का अनावरण भी करेंगे। एक ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा है कि रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनने के भारत के प्रयासों की दिशा में दो सितम्‍बर एक ऐतिहासिक दिन है। 
प्रधानमंत्री कर्नाटक के मंगलुरु में लगभग तीन हजार आठ सौ करोड़ रुपये की परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे।
इससे पहले कल शाम प्रधानमंत्री ने कोच्चि मैट्रो और भारतीय रेल की साढे चार हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत की कुछ परियोजनाओं की आधारशिला रखी और कुछ, राष्‍ट्र को समर्पित कीं। श्री मोदी ने कोच्चि मैट्रो रेल परियोजना के पेट्टा से एस एन जंक्‍शन के बीच पहले चरण का शुभारम्‍भ किया।

प्रधानमंत्री ने केरल में तीन रेलवे स्‍टेशनों एर्नाकुलम जंक्‍शन, एर्नाकुलम टाउन और कोल्‍लम के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी। ये रेलव स्‍टेशन विश्‍व स्‍तरीय, अत्‍याधुनिक सुविधाओं से युक्‍त होंगे। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि प्रत्‍येक नागरिक के लिए मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करते हुए आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्‍वास और सबका प्रयास के मंत्र को अपनाते हुए सरकार संकल्‍पों को सिद्धियों में बदल रही है।  (Aabhar Air News)