प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक परियोजना के पहले चरण का लोकार्पण किया। श्री मोदी ने महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना और आरती की। लोकार्पण के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्जैन हजारों वर्ष तक भारत के धन-ऐश्वर्य और समृद्धि, ज्ञान और गरिमा तथा सभ्यता और साहित्य का प्रणेता रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए आवश्यक है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष का स्पर्श करे और गर्व से अपनी पहचान से जुड़ा रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत अपने प्राचीन मूल्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, साथ ही विज्ञान और अनुसंधान की परंपरा को भी सशक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अपने प्राचीन वैभव को पुनःस्थापित कर रहा है जिससे समूचे विश्व और मानवता को लाभ होगा। भारत की दिव्यता शांतिपूर्ण विश्व के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा कि भारत का सांस्कृतिक दर्शन एक बार फिर शिखर की ओर है और पूरे विश्व के मार्ग दर्शन के लिए तत्पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के लिए धर्म का अर्थ है कतर्व्यों के प्रति सामूहिक संकल्प। हमारे धर्म का लक्ष्य विश्व कल्याण और मानव सेवा है। इसके अनुरूप भारत ने आजादी के अमृत काल में पांच प्रणों का आह्वान किया है। श्री मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि ज्योतिर्लिंगों का विकास भारत की आध्यात्मिक ऊर्जा तथा ज्ञान और दर्शन का विकास है।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के अनुरूप निर्मित श्री महाकाल कॉरिडोर की अनुमानित लागत आठ सौ करोड़ रुपये है। परियोजना के पहले चरण में महाकाल लोक, रूद्र सागर और धार्मिक महत्व के कई अन्य निर्माण किए गए हैं। हमारे संवाददाता ने बताया है कि परियोजना का दूसरा चरण वर्ष 2023-24 में पूरा हो जायेगा। (Aabhar Air News)