विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर ने कहा है कि सीमा क्षेत्र में शांति स्पष्ट रूप से चीन के साथ सामान्य संबंधों का आधार बनी हुई है। उन्होंने नई दिल्ली में चीन की विदेश नीति और नए युग में अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय पर सम्मेलन में मुख्य भाषण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति जारी रहने से भारत या चीन किसी को भी लाभ नहीं होगा और रुख के नए मानदंड अनिवार्य रूप से प्रतिक्रियाओं के नए मानदंडों को जन्म देंगे। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों को अपने संबंधों के बारे में दीर्घकालिक दृष्टिकोण की इच्छाशक्ति को दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्ष का समय संबंधों और महाद्वीप की सम्भावनाओं दोनों के लिए गम्भीर चुनौती का रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि चीन के साथ अधिक संतुलित और स्थायी संबंधों के लिए भारत की तलाश इसे कई आयामों और विकल्पों की ओर ले जाती है। गलवान में वर्ष 2020 के घटनाक्रम की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए स्पष्ट रूप से रक्षा पर ध्यान केन्द्रित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पिछले सात दशकों के संबंधों को देखते हुए यह कहना उचित होगा कि भारत ने अनिवार्य रूप से चीन के प्रति दृढ द्विपक्षीय दृष्टिकोण अपनाया है।
(Aabhar Air News)