प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन आज केवड़िया में दसवें मिशन प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेंगे। वे केवडि़या में संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतरस की उपस्थिति में पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली मिशन लाइफ की पुस्तिका, लोगो और टैगलाईन का शुभारंभ करेंगे। बाद में प्रधानमंत्री दक्षिण गुजरात के तापी जिले के व्यारा में एक हजार 970 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री ने गुजरात यात्रा के पहले दिन कल 15 हजार 6 सौ 70 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
इनमें अडालज में दस हजार करोड़ रुपए लागत की मिशन स्कूल ऑफ एक्सिलेंस परियोजना, त्रिमंदिर में लगभग 4 हजार 260 करोड़ रुपए की परियोजना, तटीय राजमार्गों के सुधार परियोजना का शिलान्यास, जल आपूर्ति की दो परियोजनाएं और जूनागढ़ में कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए गोदाम परिसर का निर्माण शामिल है। प्रधानमंत्री ने गिर सोमनाथ में मढवाड़ में मत्स्य बंदरगाह का शिलान्यास किया। उन्होंने राजकोट में लाइट हाउस परियोजना के अंतर्गत निर्मित 1100 मकान सौंपे।
जूनागढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार मछुआरों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान दे रही है और साथ ही साथ तटीय क्षेत्रों की बुनियादी सुविधाएं भी मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार गुजरात के तटीय क्षेत्रों के समग्र विकास पर जोर दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार की सागरखेदु परियोजना से पिछले आठ वर्ष में मछली निर्यात में सात गुणा वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ड्रोन प्रौद्योगिकी भविष्य में मछुआरों के लिए लाभदायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार बंदरगाहों के विकास पर जोर दे रही है, जिससे भविष्य में लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा। तटीय राजमार्गों से सौराष्ट्र क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के साथ-साथ पर्यटन गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
प्रधानमंत्री ने पिछले 20 वर्षों में मछुआरों, किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए सरकार की पहल के बारे में भी बात की। उन्होंने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने राजकोट यात्रा के दौरान कहा कि सरकार विकसित भारत के लिए विकसित गुजरात के मंत्र के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में गुजरात का औद्योगिक विकास नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है।
प्रधानमंत्री ने कल गांधीनगर में रक्षा प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से विकसित स्वदेशी प्रशिक्षण विमान एचटीटी-40 का अनावरण किया, मिशन डेफस्पेस का शुभारंभ किया और गुजरात में दीसा हवाई पट्टी की आधारशिला रखी।
भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा उपकरणों की दो सूचियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इनकी खरीद केवल देश में ही की जाएगी। श्री मोदी ने कहा कि ये फैसले आत्मनिर्भर भारत की संभावनाओं को प्रदर्शित करते हैं। इसके बाद रक्षा क्षेत्र के 411 ऐसे उपकरण शामिल किये जाएंगे, जिन्हें मेक इन इंडिया के अंतर्गत देश में ही खरीदा जाएगा। (Aabahr Air News)