प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज से इंडोनेशिया की तीन दिन की यात्रा पर होंगे। सम्मेलन के दौरान जी-20 देशों के नेता वैश्विक मु्ददों पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन की थीम है- रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉंगर यानी संकट से साथ मिलकर और मजबूत होकर उबरें। सम्मेलन के एजेंडा के अनुसार खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल बदलाव पर तीन कार्य सत्र आयोजित होंगे।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि बाली शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और जी-20 के अन्य नेता समकालीन महत्व के प्रमुख मु्द्दों पर विचार करेंगे। इनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि और डिजिटल बदलाव से संबंधित मुद्दें शामिल होंगे। श्री क्वात्रा ने बताया कि वर्तमान वैश्विक, आर्थिक और राजनीतिक संदर्भ में जी-20 देशों के विचार-विमर्श का दायरा विस्तृत और वैश्विक हो गया है। पूरी दुनिया मौजूदा समय में कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनमें महामारी के बाद असमान आर्थिक बहाली, ऋण चुकाने की असमर्थता, यूरोप में जारी संघर्ष और इसका व्यापक असर शामिल हैं। जी-20 देशों के नेता इन चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग पर बल देंगे।
जी-20 शिखर सम्मेलन के निर्धारित कार्यक्रम में 16 नवम्बर को बाली में मैनग्रोव वन देखना भी शामिल है। शिखर सम्मेलन से अलग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 नेताओं के साथ द्विपक्षीय विचार-विमर्श करेंगे। वे बाली में भारतवंशियों से भी मिलेंगे और उन्हें संबोधित करेंगे। शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जी-20 की अगली अध्यक्षता प्रतीकात्मक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे। भारत इस वर्ष पहली दिसंबर से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर रहा है।
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