प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंडोनेशिया में बाली की यात्रा सम्पन्न कर स्वदेश लौट आये हैं। वे जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाली की तीन दिन की यात्रा पर थे। श्री मोदी ने गर्मजोशी से की गई मेज़बानी के लिए इंडोनेशिया की जनता, सरकार और राष्ट्रपति जोको विडोडो का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्व नेताओं के साथ वार्ता की और प्रमुख मुद्दों पर भारत की स्थिति स्पष्ट की। कल जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में भारत को समूह की अध्यक्षता सौंपी गयी। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने प्रतीकात्मक रूप से प्रधानमंत्री मोदी को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी। भारत पहली दिसम्बर से आधिकारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।

  

शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को जी-20 अध्यक्षता मिलना प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसे समय में जी-20 की अध्यक्षता करने जा रहा है, जब पूरा विश्व भू-राजनैतिक तनाव, आर्थिक मंदी, खाद्य और ऊर्जा की बढ़ती कीमतें और कोरोना महामारी के दीर्घकालिक असर से जूझ रहा है। उन्होंने विश्व के नेताओं को आश्वासन दिया कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता समावेशी, महत्वकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी होगी। उन्होंने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि जी-20 विश्व में नये विचारों को आगे बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाए और अगले एक वर्ष के दौरान सामूहिक कार्रवाई में तेजी लाये।


हमारे संवाददाता ने बताया है कि जी-20 के सदस्य देशों ने बाली घोषणा पत्र स्वीकार किया और मौजूदा संकट तथा तनाव के कारण वैश्विक खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। सदस्य देशों ने जीवन बचाने, भुखमरी और कुपोषण से निपटने के लिए तुरंत कार्रवाई की प्रतिबद्धता व्यक्त की। जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडोनेशिया, सिंगापुर, जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।

    (AAabhar Air News)