प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि दुनिया को सभी प्रकार के आतंकवाद को गुप्त रूप से या खुले समर्थन के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है क्योंकि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। नई दिल्‍ली में आज आतंकियों को धन की आपूर्ति पर रोक लगाने संबंधी तीसरे मंत्रिस्‍तरीय सम्‍मेलन ''नो मनी फॉर टेरर'' को सम्‍बोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। 


आतंक के वित्तपोषण पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सब जानते हैं कि आतंकवादी गुटों को कई स्रोतों से धन मिलता है जिनमें एक स्रोत, कुछ देशों का समर्थन भी है। श्री मोदी ने कहा कि जहां भी आतंकी हमले होते हैं उन्‍हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इनके खिलाफ समान आक्रोश और कार्रवाई होनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हमले में एक भी जान जाती है तो वह सब पर हमला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का सफाया होने तक भारत चैन से नहीं बैठेगा। श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद का गरीबों और विशेष कर स्थानीय अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव पडता है। उन्होंने आतंकवाद को परास्‍त करने के लिए समान, एकीकृत और कतई बर्दाश्‍त न करने की नीति बनाए जाने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि संयुक्त अभियान, खुफिया समन्वय और प्रत्यर्पण आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई अत्यंत जरूरी है। श्री मोदी ने कहा कि कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या से निपटने के लिए सभी देशों का एकजुट होना बहुत महत्‍वपूर्ण है और जो कोई भी देश कट्टरवाद का समर्थन करता है तो उसका बहिष्‍कार किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन का भारत में आयोजित होना बहुत महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि भारत ने कई दशकों तक आतंक के दंश को झेला है। आतंकवादी हमलों से हजारों लोगों की जानें चली गई लेकिन भारत ने बहुत बहादुरी से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी। श्री मोदी ने कहा कि डार्क नेट यानी सॉफ्टवेयर कान्‍फीग्रेशन और प्राइवेट मुद्राओं ने सुरक्षा तंत्र के सामने नई चुनौतियां खड़ी की हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रौदयोगिकी का इस्‍तेमाल आतंकवाद का पता लगाने, तलाशने और उससे निपटने के लिए किया जाना चाहिए।

 

दो दिन के सम्‍मेलन में आतंकियों को धन देने पर रोक लगाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्‍मेलन से आतंकियों के धन के स्रोतों पर रोक लगाने में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। सम्‍मेलन में 70 से अधिक देशों के साढ़े चार सौ प्रतिनिधि हिस्‍सा ले रहे हैं।

 

गृहमंत्री अमित शाह आतंकवाद और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने से रोकने संबंधी पहले सत्र की अध्‍यक्षता करेंगे।

 (Aabhar Air News)