केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत को मोटे अनाज का वैश्विक केंद्र बनने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कल नई दिल्ली में मोटा अनाज- अच्छा पोषक आहार विषय पर संगोष्ठी और मोटे अनाज पर प्रथम अंतरराष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक में कहा कि इससे अगले वर्ष मनाए जाने वाले मोटे अनाज के अंतरराष्ट्रीय वर्ष की तैयारी में मदद मिलेगी। पीयूष गोयल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने के भारत के अनुरोध को स्वीकार किया है और 70 से अधिक देशों ने इसका अनुमोदन किया है। पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत के साथ बंगलादेश, केन्या, नेपाल, नाइजीरिया, रूस और सेनेगल की ओर से लाए गए प्रस्ताव को स्वीकार किया था जिसमें 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने की बात कही गई थी। जी-20 और शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता भारत को मिलने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के नेतृत्व से विश्व मंच पर भारत के बढ़ते कद की स्पष्ट झलक मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने 2018 में मोटा अनाज वर्ष मनाया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज को निरंतर ऐसे खाद्य के रूप में बढ़ावा दिया है जो देश ही नहीं बल्कि विश्व के सुदूर भागों में पोषण में सहायक होगा। विश्व ने भारत की ओर से शुरू की गई योग से लेकर मोटे अनाज तक की पहल को स्वीकार किया है जिनमें प्रधानमंत्री के वैश्विक नेतृत्व और पूरी दुनिया में भारत की गाथा को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों की सफलता की साफ झलक मिलती है। (Aabhar Air News)