सरकार ने चीन के सामान पर निर्भरता घटाने, घरेलू उद्योगों की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने और उन्हें प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अनेक उपाय किए हैं। राज्यसभा में आज भारत-चीन व्यापार संबंधों पर पूरक प्रश्न के उत्तर में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने मेक इन इंडिया पहल पर ध्यान दिया है और घरेलू उद्योगों की विनिर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजनाएं उपलब्ध कराई हैं।

श्री गोयल ने चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ने के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि 2003-04 में चीन के साथ व्यापार घाटा एक अरब डॉलर था जो 2013-14 में बढ़कर 36 अरब डॉलर हो गया। उन्होंने कहा कि भारत इन दस वर्षों में देश में घटिया स्तर के सामान आयात करने का बड़ा बाजार बन गया था। श्री गोयल ने कहा कि 2003-04 में चीन से चार अरब डॉलर का सामान आयात किया गया था, जो 2013-14 में 51 अरब डॉलर तक पहुंच गया। (Aabhar Air News)