संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मानवीय सहायता को प्रतिबंधों से छूट देने के प्रस्ताव पर भारत ने मतदान में भाग नहीं लिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रूचिरा कम्बोज ने कहा कि भारत के पड़ोसी देशों में आतंकवादी गिरोह मानवीय सहायता की आड़ में आतंकी गतिविधियां चलाते हैं। इनमें से कुछ संगठनों के नाम सुरक्षा परिषद की सूची में भी शामिल है। ऐसे गिरोहों को कुछ सामाजिक संगठन, प्रतिबंधों से बचाते हैं जो कि भारत के लिए चिंता का विषय है। यह आतंकी गिरोह मानवीय सहायता के नाम पर धन जुटाने और आतंकियों की भर्ती का काम भी करते हैं। पाकिस्तान का परोक्ष उदाहरण देते हुए सुश्री कम्बोज ने कहा कि ऐसे संगठनों को मानवीय सहायता देते समय इन सभी पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है। ऐसे आतंकवादी संगठन कुछ देशों में पनाह पाते हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर खतरा बनते हैं।
भारत ने जोर दिया है कि ऐसे संगठनों को किसी भी परिस्थिति में मानवीय सहायता की आड़ में आतंकी गतिविधि चलाने से छूट नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकी गिरोह मानवीय सहायता का दुरूपयोग करते हैं और अपने आतंकी तंत्र का व्यापक प्रसार करते हैं। ऐसे तत्वों को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। सुश्री कम्बोज ने कहा कि यही कारण है कि भारत ने आतंकी गिरोहों पर नियंत्रण से सम्बद्ध संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव संख्या 1267 में निगरानी दल के गठन और सूचना तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया। (Aabhar Air News)