विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कहा है कि भारत यूक्रेन जैसे संघर्षों के कारण विभाजित हो रहे विश्व को जोड़ने में सेतु की भूमिका निभा सकता है। दुबई में भारत वैश्विक मंच (आईजीएफ)- संयुक्त अरब अमीरात शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉक्टर जयशंकर ने विश्व में रूस-यूक्रेन संघर्ष के व्यापक असर के कारण हुए दो बड़े विभाजनों का उल्लेख किया। इनमे से एक पूर्व और पश्चिम का विभाजन है, जो यूक्रेन के इर्द-गिर्द केंद्रित है और दूसरा विकास पर केंद्रित उत्तर और दक्षिण का विभाजन है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की भूमिका का विश्लेषण करते हुए डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि संघर्ष समाप्त करने के लिए राजनीतिक प्रक्रिया सुनिश्चित करना हमारे हित में है। भारत ने बार-बार रूस और यूक्रेन से राजनयिक बातचीत से अपने संघर्ष को समाप्त करने का आग्रह किया है। डॉक्टर जयशंकर ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापारिक संबंधों का भी उल्लेख किया और कहा कि संयुक्त अरब अमीरात अभी भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है और यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार भी है।
इस बीच, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर आज भारतीय वैश्विक मंच में भारतीय प्रौद्योगिकी और नवाचार प्रतिभा पर मंत्रियों की गोलमेज बैठक में भाग लेंगे। इस बैठक में भारत, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के मंत्री, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य हितधारकों सहित प्रौद्योगिकी क्षेत्र के 50 से अधिक दिग्गज शामिल होंगे। इस दौरान उद्योग जगत के दिग्गजों, उद्यमियों, स्टार्ट अप और नवाचार से जुड़े लोगों से भी उनकी बातचीत होगी। |