संसद ने ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 पारित कर दिया है। कल राज्यसभा ने इस विधेयक का अनुमोदन कर दिया। लोकसभा में यह पहले ही पारित हो चुका है। इस विधेयक के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 में संशोधन किया गया है। इसका उद्देश्य ऊर्जा की क्षमता और इसके संरक्षण को बढ़ावा देना है। विधेयक के जरिए केंद्र सरकार को कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग प्रणाली निर्धारित करने का भी अधिकार दिया गया है। इसमें यह भी व्यवस्था की गई है कि कुछ विशेष उपभोक्ता अपनी ऊर्जा आवश्यकता के कुछ भाग की पूर्ति गैर जीवाश्म स्रोतों से कर सकते हैं। भवनों के लिए ऊर्जा संरक्षण संहिता उन कार्यालयों और आवासीय मकानों पर लागू होगी, जहां एक सौ किलोवाट या अधिक ऊर्जा का उपयोग होता है। विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि यह हमारे लिये गर्व का विषय है कि भारत ने ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तन किया है और नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि भारत की यात्रा पर आए विभिन्न देशों के ऊर्जा मंत्री देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में हुई प्रगति से काफी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी विकसित देश ने ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु संबंधी मामले में भारत की तरह किसी ने प्रगति नहीं की है। उन्होंने सदन को यह जानकारी दी कि 2015 में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के दौरान भारत ने 2030 तक गैर जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से 40 प्रतिशत बिजली बनाने की उपलब्धि हासिल करने का लक्ष्य रखा था। उन्होंने बताया कि देश ने नवंबर 2021 में, तय समय से नौ वर्ष पहले ही यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
संसद ने गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित कर दिया है
(Aabhar Air News)