रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश के सैनिकों ने हर अवसर पर साहस और शौर्य का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि गलवान और तवांग में भारतीय सेना ने अग्रिम मोर्चे पर अपूर्व पराक्रम का प्रदर्शन किया है।
आज नई दिल्ली में फिक्की के 95वें वार्षिक समारोह में उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया की नजरें भारत के रक्षा उत्पादों पर टिकी हैं। उन्होंने उदयोग जगत से अपील की कि वे रक्षा क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में निवेश के लिए आगे आयें क्योंकि अब देश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। श्री सिंह ने कहा कि देश के रक्षा क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं और सरकार वर्ष 2025 तक 22 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करना चाहती है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का महाशक्ति बनना विश्व हित में होगा और विकसित बनकर ही भारत महाशक्ति बन सकता है। श्री सिंह ने कहा कि भारत न तो किसी देश पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है और न ही उसका इरादा किसी देश की एक इंच भी जमीन हथियाने का है। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के समय भारत 20 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ विश्व में नौवें स्थान पर था। लेकिन अब, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसका आकार 35 खरब डॉलर का है। श्री सिंह ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में किये गये सुधारों के परिणामस्वरूप भारत ने विकास की दिशा में एक ऊंची छलांग लगाई है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी होने से ही विदेशी निवेश बढता है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद देश में रिकॉर्ड स्तर पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ। श्री सिंह ने कहा कि पिछले एक वर्ष में भारत में 83 अरब डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है और अब हमारा विदेशी मुद्रा भंडार पांच सौ 61 अरब डॉलर से अधिक का है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस समय दुनिया के सभी प्रमुख विकसित देश मंदी से जूझ रहे हैं लेकिन भारत में अन्य देशों के मुकाबले महंगाई की दर कम है। (Aabvhar Air News)