प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल में शिक्षा सामाजिक परिवर्तन की नींव बनेगी। उन्होंने कहा कि भविष्योन्मुखी शिक्षा नीति कल के आदर्श नागरिक तैयार करेगी। वे आज श्री स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान के 75वें अमृत महोत्सव को वचुर्अल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
शिक्षा के क्षेत्र में गुरुकुल के योगदान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुकुल भारतीय पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा का संगम रहे हैं। इन्होंने भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित करने में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
श्री मोदी ने कहा कि जब दुनिया लैंगिक समानता के बारे में जानती भी नहीं थी तब भारत में गार्गी, मैत्रेयी और आत्रेयी जैसी महिला विचारक मौजूद थीं। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा कि वे पूर्वोत्तर की संस्कृति को समझने और उसकी विरासत के बारे में लिखने के लिए कम से कम 15 दिनों के लिए पूर्वोत्तर की यात्रा करें। (Aabhar Air News)