सरकार ने कहा है कि नदियों में आधुनिक क्रूज ज़हाज़ सेवा चलाने के लिए एक हजार से ज्‍यादा जलमार्ग तैयार किए गए हैं। सतत् जलमार्गों के विकास के साथ भारत क्रूज पर्यटन के क्षेत्र में एक नया दौर शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने दूसरी राष्‍ट्रीय गंगा परिषद की बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए शुक्रवार को यह बात कही। श्री मोदी ने बताया कि इस महीने की 13 तारीख को दो हजार तीन सौ किलोमीटर की विश्‍व की सबसे लंबी क्रूज सेवा की शुरुआत काशी से होगी, जो बांग्‍लादेश होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचेगी।

 

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने नदियों की सफाई में जन-आंदोलन और लोगों के शामिल होने पर ज़ोर दिया। उन्‍होंने कहा कि प्रत्‍येक नागरिक को मां गंगा की सफाई के लिए शपथ लेनी होगी, तभी जाकर सरकार के सभी कोशिशें सफल होंगी। श्री मोदी ने कहा कि मां गंगा की पवित्रता हमारी सांझी विरासत और जिम्‍मेदारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हमें इस विरासत को दिया था और ये हमारी जिम्‍मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढियों को इसे इसी हालात में और इसी शुद्धता के साथ सौंपे।

 

बैठक से पहले प्रधानमंत्री ने नमामि गंगा और पेयजल और स्‍वच्‍छता की कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्‍ट्र को समर्पित किया।

 

जल शक्ति मंत्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत ने कहा कि नमामि गंगा कार्यक्रम के अंतर्गत बहुत बड़ा सुधार हुआ है। कृषि मंत्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने गंगा के किनारे बसे राज्‍यों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। पत्‍तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानन्‍द सोनोवाल ने कहा कि उनका मंत्रालय नदी पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के वास्‍ते गंगा नदी में जलमार्गों के विकास के लिए हर सम्‍भव सहायता देगा।  (Aabhar Air News)