प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया। पांच दिन की यह विज्ञान कांग्रेस महाराष्ट्र में राष्ट्रसंत तुकादोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित की गई है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में श्री मोदी ने कहा कि भारत को अगले 25 वर्ष में नई ऊंचाइयां हासिल करनी है और इस कार्य में देश के वैज्ञानिक समुदाय को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने दुनिया के दस शीर्ष देशों में अपना स्थान बनाया है। वर्ष 2015 तक वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत का 81वां स्थान था और वर्ष 2022 में बढ़कर चालीसवां स्थान हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पी.एच.डी. और स्टार्टअप की व्यवस्था में भारत शीर्ष तीन देशों में शामिल है। प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिक समुदाय का आह्वान किया कि वे उन विषयों पर कार्य करें, जो सम्पूर्ण मानवता और भारत की बढ़ती जरूरतों के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि वैज्ञानिक समुदाय ऊर्जा आवश्कताओं के क्षेत्र में नवाचार के लिए काम करता है तो इससे देश को मदद मिलेगी। श्री मोदी ने कहा कि महिलाएं समाज और विज्ञान की प्रगति का प्रतिबिंब हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं शताब्दी में भारत के पास दो चीजें प्रचुरता से होंगी और ये हैं- डेटा और प्रौद्योगिकी। इन दोनों की मदद से भारत नई ऊंचाइयों पर जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि डेटा विश्लेषण तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे सूचना को गहराई से समझने और विश्लेषित करने तथा कार्य करने योग्य ज्ञान में परिवर्तित किया जा सकता है। वर्ष के सम्मेलन का विषय है- महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी।
विज्ञान कांग्रेस में सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की भूमिका से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित शिक्षा और आर्थिक भागीदारी में महिलाओं की पहुंच बनाने के साथ अध्यापन, अनुसंधान और उद्योग जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की सहभागिताा बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमें प्रख्यात महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान होंगे।
(Aabhar Air News)भारतीय विज्ञान कांग्रेस के साथ-साथ कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जायेगा। बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सोच विकसित करने के लिए बाल विज्ञान कांग्रेस आयोजित की जायेगी। कृषक विज्ञान कांग्रेस जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार और युवाओं को कृषि की ओर आकर्षित करने का मंच प्रदान करेगी। जनजातीय विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया जायेगा। इसमें जनजातीय महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ साथ स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और पद्धतियों की जानकारी दी जाएगी।