राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि देश के हर कोने में डिजिटल तकनीक की पहुंच होने पर ही भारत की अर्थव्यवस्था ज्ञान-आधारित बन सकेगी। आज नई दिल्ली में डिजिटल इंडिया पुरस्कार प्रदान करने के बाद उन्होंने कहा कि भविष्य में परिवर्तन की गति आज की तुलना में अधिक तेज़ होगी और इसमें मुख्य भूमिका तकनीक की होगी। इसलिए, डिजिटल नवाचार का मुख्य लक्ष्य सामाजिक न्याय होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटल तकनीक ने सरकार के लिए दूरस्थ इलाक़ों तक पहुंचना आसान बना दिया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल रूपांतरण की यह यात्रा नवाचार, प्रभाव और समावेश के कारण संभव हुई है। राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में डिजिटल इंडिया पुस्स्कार प्रदान करने के बाद विश्वास व्यक्त किया कि भारत, समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को विकास-प्रक्रिया में शामिल करने का सही उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल अंत्योदय की दिशा में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को सशक्त कर रही है। सुश्री मुर्मु ने जनता से अपील की कि वह मौजूदा नीतियों का लाभ उठाए और व्यवस्था को ऐसी मज़बूती प्रदान करे कि देश सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के क्षेत्र में एक महाशक्ति बन जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें नवीन स्वदेशी तकनीकों का विकास करना होगा।

डिजिटल इंडिया पुरस्कार सात श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य सरकारी संस्थाओं के साथ स्टार्ट-अप्स और जमीनी स्तर की डिजिटल पहलों को भी प्रेरित-प्रोत्साहित करना है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की परिकल्पना भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने के लिए की गई है। डिजिटल इंडिया पुरस्कार, नेशनल पोर्टल ऑफ इंडिया के तत्वावधान में स्थापित किए गए हैं। इस पोर्टल पर सरकारी संस्थाओं द्वारा सभी स्तरों पर दी जा रही सूचना और सेवाओं से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।(Abahr Air News)