निर्वाचन आयोग ने मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए कल एक वर्चुअल बैठक आयोजित की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा द्वारा आयोजित बैठक में निर्वाचन आयुक्तों- राजीव कुमार और अनूप चन्द्र पांडेय ने भाग लिया।
मणिपुर विधानसभा का कार्यकाल 19 मार्च को समाप्त हो रहा है और सदन की 60 सीटों के लिए मतदान कराया जाएगा। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए बैठक में भाग लिया। इनमें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, टी.एम.सी., वामपंथी और नागा पीपल्स फ्रंट के प्रतिनिधि शामिल थे।
राजनीतिक दलों ने चुनाव में धन, शराब, नशीले पदार्थों और मतदाताओं को डराने-धमकाने जैसे मुद्दे विशेष रूप से उठाए। प्रतिनिधियों ने चुनाव खर्च पर कडी निगरानी रखे जाने का अनुरोध किया, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जा सके। मतदान-पूर्व हिंसा पर चिंता प्रकट करते हुए राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान समुचित संख्या में सुरक्षा बल तैनात करने और अन्य आवश्यक उपाय करने की मांग की।
प्रतिनिधियों ने हर किसी के बचाव के लिए कोविड नियमों का सख्ती से पालन किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की। आयोग ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनके सुझावों पर ध्यान दिया जाएगा और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने के सभी प्रबंध किए जाएंगे।
मतदाताओं को लुभाने के लिए धन के इस्तेमाल और अन्य प्रलोभनों पर चिंता प्रकट करते हुए आयोग ने अपना यह दृष्टिकोण दोहराया कि धन या बल के दुरुपयोग, अथवा राज्य प्रशासन के पक्षपातपूर्ण व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने कहा कि अनुचित व्यवहार करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे।
(Aabhar Air News)