निर्वाचन आयोग ने संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उम्‍मीदवारों की मौजूदा चुनाव खर्च सीमा बढ़ा दी है। यह आगामी सभी चुनावों में लागू होगी।
महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे बड़े राज्‍यों में संसदीय चुनाव खर्च सीमा 70 लाख से बढ़ाकर 95 लाख रुपए की गई है। गोवा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए यह सीमा 54 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपए की गई है। केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर में चुनाव व्यय सीमा बढ़ाकर 95 लाख रुपए की गयी है।
बड़े राज्‍यों में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए व्यय सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए और छोटे राज्‍यों में 20 लाख से बढ़ाकर 28 लाख रुपए की गई है।
इससे पहले वर्ष 2014 में चुनाव खर्च सीमा में संशोधन किया गया था, जिसे फिर वर्ष 2020 में 10 प्रतिशत बढ़ाया गया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव व्‍यय और अन्‍य संबंधित विषयों पर अध्‍ययन के लिए समिति गठित की थी। समिति ने राजनीतिक दलों, मुख्‍य चुनाव अधिकारियों और चुनाव प्रेक्षकों से सुझाव मांगे थे। समिति ने पाया कि वर्ष 2014 के बाद से मतदाताओं की संख्‍या और मुद्रास्फीति बढ़ी है और प्रचार के तरीकों में बदलाव आया है। 
आयोग ने समिति की सिफारिशों को स्‍वीकार करते हुए उम्‍मीदवारों के लिये मौजूदा चुनाव व्यय सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया। (Aabhar Air News)