उच्‍चतम न्‍यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के महापंजीयक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा से संबंधित रिकॉर्ड को सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया है। शीर्ष न्‍यायालय ने पंजाब पुलिस के अधिकारियों, एसपीजी और अन्य केंद्रीय और राज्य की एजेंसियों को जांच में सहयोग करने तथा पूरे रिकॉर्ड सील करने के निर्देश दिए हैं।
 
उच्‍चतम न्‍यायालय गैर सरकारी संगठन लॉयर्स वॉयस की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा चूक मामले की गहन जांच करने की मांग की गई है।

याचिका में सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पंजाब सरकार को निर्देश देने की मांग की है। मामले की सुनवाई सोमवार को भी जारी रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा चूक मामले की जांच कर रही गृह मंत्रालय की समिति आज फिरोजपुर पहुंची। समिति ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय और तेरह अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। समिति ने उस पुल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया, जहां प्रधानमंत्री के काफिले को रोका गया था।


प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के पंजाब दौरे पर बुधवार को हुई सुरक्षा चूक को लेकर फिरोजपुर पुलिस ने फिरोजपुर-मोगा राष्‍ट्रीय राजमार्ग बाधित करने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ कुलघारी थाने में मामला दर्ज किया है।

 

थाना प्रभारी बीरबल सिंह ने बताया कि 100 से ज्‍यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया हैं लेकिन उन्‍होंने इसका ब्‍यौरा देने से मना कर दिया। उन्‍होंने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वह इस बारे में ज्‍यादा कुछ नहीं बता सकते।

 

सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय की ओर से गठित जांच समिति ने फिरोजपुर के वरिष्‍ठ पुलिस अधिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे एक दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।

 

इस बीच, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी ने कहा है कि जो वीडियो मिले हैं उनसे यह साफ पता चलता है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई है। उन्‍होंने कहा कि पंजाब पुलिस के राजनीतिकरण को रोका जाना चाहिए।

(Aabhar Air News)