केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में वर्चुअल माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की। इसमें बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शामिल हुए। समीक्षा बैठक के दौरान श्रीमती सीतारमण ने महामारी से संबंधित उपायों को लागू करने के साथ-साथ कोविड के नए वेरियंट के कारण भविष्य में होने वाले संभावित व्यवधानों से निपटने के लिए सार्वजनिक बैंकों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का आकलन किया। आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की सराहना करते हुए श्रीमती सीतारमण ने बैंकरों को कृषि क्षेत्र, किसानों, खुदरा क्षेत्र तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग-एमएसएमई को समर्थन जारी रखने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास और ओमीक्रॉन प्रसार से जुड़ी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कारोबारी दृष्टिकोण में निरन्तर सुधार हो रहा है।
वित्तमंत्री ने रेखांकित किया कि महामारी से लड़ने में मदद करने के उद्देश्य से गहन सम्पर्क आधारित सेवा क्षेत्रों के लिए अधिक समर्थन की आवश्यकता हो सकती है। वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि खुदरा क्षेत्रों में वृद्धि, समग्र व्यापक आर्थिक संभावनाओं में सुधार और उधारकर्ताओं के वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के कारण ऋण मांग में तेजी आने की उम्मीद है।
समीक्षा बैठक के दौरान, बैंकरों ने बताया कि सार्वजनिक बैंकों-पीएसबी ने देश में पुनर्भुगतान संस्कृति में सुधार देखा है। उन्होंने कहा कि पीएसबी ने अच्छा प्रदर्शन किया है और विभिन्न नीतिगत उपायों के समर्थन से अर्थव्यवस्था को आवश्यक गति प्रदान की है। यह देखा गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में पीएसबी ने 31 हजार 820 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले पांच वित्तीय वर्षों में सबसे अधिक है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले सात वित्तीय वर्षों के दौरान पांच लाख 49 हजार करोड़ रुपये से अधिक की वसूली भी की है।
समीक्षा बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत किसानराव कराड और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव देबाशीष पांडा के साथ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
(Aavhar Air News)