विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा छोटी लेकिन काफी लाभकारी और सकारात्मक रही। नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि श्री पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के बीच अच्छी बातचीत हुई और इस दौरान रिकॉर्ड 28 समझौते हुए। श्री श्रृंगला ने कहा कि इन समझौतों में दोनों देशों की सरकारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बीच हुये समझौते शामिल हैं।
विदेश सचिव ने कहा कि रूस ने लंबी दूरी की सतह से हवा में मार्ग करने वाली एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली भारत को देनी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि एस-400 मिसाइल की आपूर्ति इस महीने शुरू हुई और आगे भी होती रहेगी।
श्री श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने अफगानिस्तान के बारे में भारत और रूस के बीच निकट परामर्श और समन्वय जारी रखने का फैसला किया। दोनों पक्षों का साफ मानना था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवादियों को पनाह देने, प्रशिक्षण या साजिश रचने के लिए नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद और आतंकी गुटों से निपटने में दोनों देशों के विचारों में एकरूपता थी।
विदेश सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन का वार्षिक शिखर बैठक के लिए भारत आने का फैसला दर्शाता है कि वे द्विपक्षीय संबंधों को कितना महत्व देते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनका व्यक्तिगत संबंध कैसा है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत में आपसी व्यापार और निवेश बढ़ाने पर प्रमुख रूप से चर्चा हुई। उन्होंने ये भी कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष आपसी व्यापार में उत्साहजनक वृद्धि हुई है। विदेश सचिव ने कहा कि दोनों पक्ष व्यापार और निवेश में सतत वृद्धि आगे ले जाने के लिए कार्य कर रहे हैं। श्री श्रृंगला ने बताया कि व्यापार और निवेश के लिए कुछ विशेष योजनाएं हैं जिनमें अंतरदेशीय जलमार्ग, उर्वरक, कुकिंग कोयला, इस्पात और कौशलयुक्त जनशक्ति में दीर्घकालिक सहयोग शामिल है।
उन्होंने कहा कि रूस में डेढ़ करोड़ बौद्ध भिक्षु हैं और यह समुदाय तीर्थ यात्रा और अन्य क्षेत्रों के लिए भारत की तरफ उत्सुकता से देख रहा है। श्री श्रृंगला ने दोनों देशों के लिए सांस्कृतिक सहयोग के महत्व का भी उल्लेख किया ।
विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान रूस में भारतीय समुदाय के कल्याण के कार्य करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन के प्रति आभार व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने वैक्सीन प्रमाणीकरण की आपसी मान्यता की आवश्यकता पर भी चर्चा की ताकि दोनों देशों के नागरिक आसानी से यात्रा कर सकें।
(Aabhar Air News)