प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है कि भारत आने वाले समय में समग्र विश्‍व की आशा और आकांक्षाएं पूरी करेगा। दावोस विश्‍व आर्थिक मंच शिखर सम्‍मेलन को वर्चुअली सम्‍बोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत अपार शक्ति और ऊर्जा के साथ लगातार आगे बढ रहा है। उन्‍होंने कहा कि देश स्‍वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। भारत ने हाल में 160 करोड से अधिक कोविड रोधी टीके लगाए जाने की उपलब्धि भी हासिल की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में भारत ने 80 करोड से अधिक नागरिकों को निशुल्‍क खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराकर अपनी क्षमता का उदाहरण दिया है। देश में सुधार सही दिशा में आगे बढ रहे हैं और वैश्विक आर्थिक विशेषज्ञों ने भारत के फैसलों की सराहना की है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भारत एक धरती एक स्‍वास्‍थ्य की परिकल्‍पना पूरी कर रहा है और अनेक देशों को आवश्‍यक दवाएं और टीके उपलब्‍ध कराकर करोडों लोगों के जीवन की रक्षा कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विश्‍व का तीसरा सबसे बडा औषधि निर्माता है। उन्‍होंने कहा कि भारत जैसे मजबूत लोकतंत्र ने पूरे विश्‍व को संकट के इस दौर में आशा बंधाई है तथा 21वीं सदी की मजबूती के लिए प्रौद्योगिकी और प्रतिभा उपलब्‍ध कराई है। उन्‍होंने कहा कि आज भारत विश्‍व का सबसे बडा, सुरक्षित और सफल डिजिटल भुगतान मंच है। पिछले महीने ही भारत में चार अरब चालीस करोड लेन-देन यूपीआई के जरिए हुए हैं। भारत पूरे विश्‍व को रिकार्ड संख्‍या में सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है और पचास लाख से अधिक सॉफ्टवेयर डवलेपर भारत में काम कर रहे हैं। भारत में विश्‍व के यूनिकोर्न, यानी एक अरब डॉलर से अधिक के उद्यमों, की तीसरी सबसे बडी संख्‍या है। पिछले छह महीने में ही दस हजार से अधिक स्‍टार्टअप उद्यमों का पंजीकरण हुआ है। उन्‍होंने कहा कि एक समय भारत लाइसेंस राज के लिए जाना जाता था, लेकिन आज वह कारोबार में आसानी को लगातार बढावा दे रहा है।

भारत कॉरपोरेट कर दरों में कमी लाकर और इन्‍हें सरल बनाकर विश्‍व में सर्वाधिक प्रतिस्‍पर्धी बन गया है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय युवाओं के बीच उद्यमिता के प्रति रूचि नई ऊंचाइयों पर है। वर्ष 2014 में जहां केवल कुछ सौ स्टार्टअप पंजीकृत हुए थे, वहीं आज इनकी संख्‍या 60 हजार से अधिक हो गई है। भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में सबसे विश्‍वसनीय साझेदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्‍होंने कहा कि यह भारत में निवेश के लिए सर्वोत्‍तम समय है। 14 क्षेत्रों में 26 अरब डॉलर की उत्‍पादन आधारित प्रोत्‍सा‍हन योजनाएं लागू की गई हैं। उन्‍होंने कहा कि आज भारत नीतियां तय कर रहा है और वर्तमान के साथ-साथ अगले 25 वर्ष के लक्ष्‍यों के लिए निर्णय ले रहा है। उन्‍होंने कहा कि विकास की यह प्रकिया हरित, स्‍वच्‍छ, सतत और विश्‍वसनीय भी होगी। उन्‍होंने कहा कि आज हमें यह स्‍वीकार करना होगा कि हमारी जीवनशैली जलवायु सुरक्षा के प्रतिकूल रही है। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा समय की टेक-मेक-यूज-डिस्‍पोज यानी लो-बनाओ-इस्‍तेमाल करो और नष्‍ट करो अर्थव्‍यवस्‍था से हमें तेजी से सतत सुरक्षित अर्थव्‍यवस्‍था की ओर बढना होगा।

पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली के लाइफ मिशन का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे जन-आंदोलन बनाना, धरती को जीवन के अनुकूल बनाने की मजबूत आधारशिला साबित होगा। प्रधानमंत्री ने संयुक्‍त राष्‍ट्र जलवायु सम्‍मेलन- कॉप 26 में लाइफ स्‍लोगन दिया था। उन्होंन कहा कि यह जलवायु संकट और भविष्‍य की चुनौतियों से निपटने का माध्‍यम बनेगा। उन्‍होंने फोरम को निर्धारित समय से पहले जलवायु लक्ष्‍य हासिल करने के भारत के प्रभावी रिकॉर्ड के बारे में भी बताया।
उन्‍होंने कहा कि आज विश्‍व- परिवार के समक्ष नई चुनौतियां हैं और इनसे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। उन्‍होंने बहुत पहले स्‍थापित बहु-पक्षीय संगठनों के इन नई चुनौतियों से निपटने में सक्षम होने को लेकर सवाल उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन संस्‍थाओं में सुधार के लिए प्रत्‍येक लोकतांत्रिक देशों का आवाज उठाना जरूरी है, ताकि ये वर्तमान और भविष्‍य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो सकें। (Aabhar Air News)