वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। बजट भाषण के आरंभ में उन्होंने कोविड महामारी के दौरान प्रतिकूल स्वास्थ्य और आर्थिक असर झेलने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था का तेजी से सुदृढ होना और पटरी पर आना हमारे देश की मजबूत आघात सहन क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अर्थव्यवस्था की विकास दर नौ दशमलव दो प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो सभी बडी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और 25 वर्ष की लम्बी यात्रा के बाद हम इंडिया एट हंडर्ड पर पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की आजादी के सौ वर्ष पूरे होने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य इन लक्ष्यों को प्राप्त करना है। इनमें सूक्ष्म आर्थिक स्तर-समग्र कल्याण पर जोर देते हुए आर्थिक विकास में सहायता करना, डिजिटल अर्थव्यवस्था और फिटनेस, प्रौद्योगिकी समर्थित विकास, ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्ययोजना को बढावा देना शामिल है। इसके अलावा सार्वजनिक पूंजी निवेश की सहायता से निजी निवेश आरंभ करने के प्रभावी चक्र से लोगों को निजी निवेश से सहायता उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य है। बजट में भारत-एट सेवंटी फाइव से भारत एट हंडर्ड तक के अमृत काल में अर्थव्यवस्था को दिशा देने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने और उसकी रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार वर्ष 2014 से नागरिकों, विशेष रूप से गरीबों और हाशिये पर रह रहे लोगों को सशक्त बनाने पर जोर रही है। इन उपायों में उन कार्यक्रमों को शामिल किया गया है जिनसे लोगों को घर, बिजली, रसोई गैस और पेयजल मिला है।
उन्होंने कहा कि बजट में विकास को प्रोत्साहन देना जारी रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की चार प्राथमिकताएं हैं-पीएम गतिशक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता में वृद्धि और निवेश, उदीयमान अवसर, ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु कार्य योजना तथा निवेश का वित्तपोषण।
वित्तमंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर योजना में आर्थिक परिवर्तन के साथ निर्बाध बहु-विध कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता शक्ति है।
राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में सात इंजनों-सडक, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक अवसंरचना से संबंधित परियोजनाएं पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क के साथ जोडी जाएंगी।
वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25 हजार किलोमीटर सडक जोडी जाएगी। वित्त पोषण के नवोन्मेषी तरीकों से 20 हजार करोड रूपये जुटाए जाएंगे ताकि सार्वजनिक संसाधनों का पोषण किया जा सके।
श्रीमती सीतारामन ने कहा कि बजट में चार स्थानों पर मल्टी-माडॅल लॉजिस्टिक पार्क आरंभ करने के लिए निविदाएं जारी करने का प्रस्ताव है।
रेलवे पार्सलों की बाधारहित आवाजाही की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डाक और रेलवे को जोडने में अग्रिम भूमिका निभाने के साथ-साथ रेलवे, छोटे किसानों और सूक्ष्म तथा मध्यम उद्यमों के लिए नए उत्पाद और कार्य कुशल सेवाएं विकसित करेगा।
आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत अगले वित्त वर्ष में दो हजार किलोमीटर के नेटवर्क को कवच के तहत लाया जाएगा। कवच सुरक्षा और क्षमता संवर्धन के लिए विश्वस्तर की स्वदेशी प्रौद्योगिकी है। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में चार सौ वंदे भारत रेलगाडियों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बडे पैमाने पर उचित प्रकार के मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए वित्त पोषण और उसके शीघ्र कार्यान्वयन के लिए नए तरीके प्रोत्साहित किए जाएंगे।
दुर्गम पहाडी क्षेत्रों में परंपरागत सडकों के ऐसे विकल्पों को वरीयता दी जाएगी जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ हों। वर्ष 2022-23 में साठ किलोमीटर लम्बी आठ रोप-वे परियोजनाओं के लिए ठेके दिए जाएंगे।
बजट में खेती के विकास और किसानों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की गई है। वर्ष 2023 को राष्ट्रीय कदन्न वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। इसमें फसल-उपरांत मूल्य संवर्धन, घरेलू खपत को बढाने और कदन्न उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय ब्रांडिंग करने के लिए सहायता दी जाएगी। किसानों को डिजिटल और हाइटेक सेवाएं प्रदान करने के लिए सरकारी-निजी भागीदारी के अंतर्गत एक योजना शुरू की जाएगी जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों के साथ-साथ निजी एग्रीटेक प्लेयर्स और हितधारकों को शामिल किया जाएगा।
44 हजार 605 करोड रूपये की अनुमानित लागत से केन-बेतवा नदी संपर्क परियोजना लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य नौ लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना, 62 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति करना और 103 मेगावाट पनबिजली तथा 27 मेगावाट सौरऊर्जा का उत्पादन करना है।
वित्त मंत्री ने बताया कि पांच नदी संपर्क परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। ये हैं-दमनगंगा-पिनजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी।
वित्तमंत्री ने कहा कि उद्यम, ई-श्रम, एन.सी.एस. और असिम पोर्टल्स को आपस में जोडा जाएगा और इनका दायरा भी बढाया जाएगा।
आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी स्कीम के तहत 130 लाख से अधिक एम.एस.एम.ई. को अत्यंत जरूरी और अतिरिक्त ऋण प्रदान किया गया है। इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को कोरोना महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से राहत मिलने में मदद मिली है। यह स्कीम मार्च-2023 तक बढाई जाएगी और इसके गारंटी दायरे को 50 हजार करोड रूपये से बढाकर पांच लाख करोड रूपये कर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अपेक्षित धन लगाकर क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फार माइक्रो एंड स्माल एंटरप्राइजेज स्कीम को बहाल किया जाएगा। इससे सूक्ष्म और लघु उद्योगों को दो लाख करोड रूपये का अतिरिक्त ऋण मिल सकेगा और रोजगार के अवसर भी बढेंगे। अगले पांच वर्षों में छह हजार करोड रूपये के परिव्यय से एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिससे एम एस एम ई क्षेत्र को अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि महामारी की वजह से बच्चों विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछडा वर्ग के बच्चों की दो वर्ष की औपचारिक शिक्षा प्रभावित हुई है। उनके अनुपूरक शिक्षण के लिए पीएम ई विद्या के वन क्लास वन टी वी चैनल कार्यक्रम को 12 टी वी चैनलों से बढाकर दो सौ टी वी चैनलों तक पहुंचाया जाएगा। इससे सभी राज्य पहली से 12 तक की कक्षा के विद्यार्थियों के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में अनुपूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर वैयक्तिकृत शिक्षण अनुभव के साथ विश्वस्तरीय शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा।
नेशनल डिजिटल हेल्थ इको सिस्टम के लिए एक ओपन प्लेटफार्म चालू किया जाएगा। इसमें चिकित्साकर्मियों और स्वास्थ्य सुविधाओं, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान, कंसर्ट फ्रेमवर्क और सभी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को डिजिटल रूप से दर्ज किया जाएगा।
गुणवत्तापरक मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुंच कायम करने के लिए एक नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिसमें 23 उत्कृष्ट हेल्थ टेलीसेंटर का नेटवर्क होगा।
महिला आधारित विकास को देखते हुए सरकार का महिला और बाल विकास मंत्रालय की कुछ योजनाओं को नया रूप देने का प्रस्ताव है। इसके अंतर्गत मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाडी और पोषण जैसे कार्यक्रमों का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत दो लाख आंगनवाडियों को सक्षम आंगनवाडी के रूप में समुन्नत किया जाएगा। (Aabhar Air News)