उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले दो चरणों और गोवा तथा उत्तराखंड में एक ही चरण में होने वाले चुनाव के लिए प्रचार अभियान तेज हो गया है। विभिन्‍न दलों के नेता और स्टार प्रचारक अपने उम्‍मीदवारों के समर्थन में रैलियां कर रहे हैं। चुनावी राज्‍यों में घर-घर जाकर प्रचार और मतदान करने के लिए वर्चुअल अपील भी की जा रही है। पंजाब और मणिपुर में भी चुनावी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं।
इस बीच, उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण और पंजाब में एक ही चरण के चुनाव के लिए पर्चा भरने का कल अंतिम दिन था। आज नामांकन पत्रों की जांच की जा रही है। उत्‍तर प्रदेश में चौथे चरण के लिए कल तक पर्चें भरे जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के पांचवें और मणिपुर में पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया कल अधिसूचना जारी होने के साथ ही शुरू हो गई। लेकिन, दोनों राज्यों में पहले दिन कोई नामांकन दाखिल नहीं हुआ।
उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित नौ सीटों सहित 12 जिलों के 61 विधानसभा क्षेत्रों में 27 फरवरी को वोट डाले जायेंगे। इनमें श्रावस्ती, बहराइच, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी (छत्रपति साहूजी महाराज नगर), रायबरेली, सुल्तानपुर, गोंडा, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज और चित्रकूट जिले शामिल हैं। इसके अलावा मणिपुर में पहले चरण के तहत छह जिलों की अड़तीस सीटों पर मतदान होगा, जिसमें से एक सीट अनुसूचित जाति के लिए और आठ सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। इन जिलों में इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, फेरजोल, चर्चंदपुर और कांगपोकपी शामिल है।
मणिपुर में पहले और उत्‍तर प्रदेश में पांचवें चरण के लिए 8 फरवरी तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। 9 फरवरी को पत्रों की जांच की जाएगी और 11 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।
उत्‍तर प्रदेश में पांचवे चरण के लिए और गोवा तथा उत्तराखंड में एक ही चरण में 27 फरवरी को मतदान कराया जायेगा। इस चरण के दौरान उत्तर प्रदेश में 55 विधानसभा सीटों के लिए 586 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि गोवा में 40 सीटों के लिए 301 उम्मीदवार और उत्तराखंड में 70 सीटों के लिए 632 उम्मीदवार मैदान में हैं।
उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव के लिए नाम वापस लेने के बाद स्थिति स्‍पष्‍ट हो गई है। अधिकतर निर्वाचन क्षेत्रों में मुकाबला बहुकोणीय होने की संभावना है। इस चरण की 58 सीटों के लिए 623 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित नौ सीटों सहित 58 विधानसभा क्षेत्रों में 10 फरवरी को मतदान होगा। ये निर्वाचन क्षेत्र ग्यारह जिलों - शामली (प्रबुद्ध नगर), मेरठ, हापुड़ (पंचशील नगर), मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, गौतम बुद्ध नगर और मथुरा में हैं।
 
उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को नौ जिलों के 55 विधानसभा क्षेत्रों में होगा। इनमें नौ सीटें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं। जिनमें सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, संभल, बदायूं और शाहजहांपुर जिले शामिल हैं। इसके अलावा दो राज्यों गोवा और उत्तराखंड में एक ही चरण में मतदान कराया जायेगा।
 उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण के तहत अनुसूचित जाति की सुरक्षित 15 सीटों सहित 16 जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में 20 फरवरी को मतदान होगा। इनमें हाथरस, कांशीराम नगर , एटा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर शहर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं।
इसके अलावा पंजाब में भी इसी दिन एक ही चरण में मतदान कराया जाएगा। इस चरण में राज्य की सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जायेंगे।
उत्‍तर प्रदेश के तीसरे चरण और पंजाब में एक ही चरण के मतदान के लिए आज नामांकन पत्रों की जांच की जा रही है। इस चरण के लिए उत्तर प्रदेश में कुल 866 नामांकन और पंजाब में कल शाम तक दो हजार दो सौ 79 नामांकन दाखिल किए गए। शुक्रवार तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को होगा। इसमें अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित 16 सीटों सहित, नौ जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है। कल शाम तक 293 नामांकन दाखिल किए गए। कल तक पर्चे भरे जा सकते हैं और शुक्रवार को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 7 फरवरी तक नाम वापस लिए जा सकते हैं।
कोविड महामारी और ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए निर्वाचन आयोग का ध्‍यान सुरक्षित चुनाव करवाने पर केन्द्रित है।
 
निर्वाचन आयोग ने रैलियों और रोड शो पर लगे प्रतिबंध को 11 फरवरी तक बढ़ा दिया है। चुनाव वाले पांच राज्यों में कोविड महामारी की स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के बाद, निर्वाचन आयोग ने निर्दिष्ट खुले स्थानों में राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अधिकतम एक हजार व्‍यक्तियों या संबद्ध स्‍थान की 50 प्रतिशत  क्षमता के साथ सार्वजनिक बैठकों की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार करने की सीमा भी बढ़ा दी है। घर-घर जाकर प्रचार करने के लिए अब 10 की जगह सुरक्षाकर्मियों को छोड़कर 20 लोगों को अनुमति दी जाएगी।
राजनीतिक दलों को सलाह दी गई है कि वे अधिक से अधिक डिजिटल माध्यम से अपना चुनाव प्रचार करें। यदि कोई उम्मीदवार या राजनीतिक दल उपरोक्त किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन करता है, तो संबंधित उम्मीदवार या पार्टी को रैलियों या सभाओं के लिए आगे कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। (Aabhar Air News)