जल जीवन मिशन ने देश के नौ करोड़ ग्रामीण घरों में नल का पानी उपलब्ध कराकर इतिहास रचा है।
कोविड महामारी और लॉकडाउन के बावजूद ढाई साल की छोटी सी अवधि में 5 करोड़ 79 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल का पानी उपलब्ध कराया।
इस समय गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, अंडमान - निकोबार द्वीप समूह, पुद्दुचेरी, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में गांव के हर घर में नल के पानी की आपूर्ति हो रही है।
इस वर्ष पंजाब में 99 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 92 दशमलव चार, गुजरात में 92 और बिहार में 90 प्रतिशत नल के जल की आपूर्ति की गई और हर घर जल आपूर्ति का सपना साकार होने जा रहा है।
15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी। उस समय देश में 19 करोड़ 27 लाख घरों में से केवल 3 करोड़ 23 लाख घरों में नल के पानी के कनेक्शन थे। इस समय देश के 98 जिलों और 1 लाख 36 हजार गांवों में हर घर में नल का पानी पहुंच रहा है। स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध कराकर बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 100 दिनों के अभियान की घोषणा की थी। 2 अक्तूबर, 2020 को इसकी शुरूआत हुई थी। देश में सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों को पीने का पानी और मध्याह्न भोजन पकाने, हाथ धोने और शौचालयों में उपयोग के लिए नल का पानी उपलब्ध कराया गया है।
जल जीवन मिशन के तहत कोई छूट न जाए के उद्देश्य से काम हो रहा है। केंद्र सरकार ने 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल के पानी की आपूर्ति के लिए 3 लाख 60 हजार करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है। वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में हर घर जल के लिए 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। (Aabhar Air News)