संत रविदास की जयंती आज श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाई जा रही है।14वीं शताब्‍दी के संत रविदास उत्‍तर भारत में भक्ति आंदोलन के संस्‍थापक थे। वाराणसी में श्री गुरू रविदास जन्‍म स्‍थान मंदिर में लाखों लोग जयंती समारोहों के सिलसिले में एकत्र हैं।
राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गुरू रविदास जयंती की बधाई दी है। अपने संदेश में राष्‍ट्रपति ने कहा कि गुरू रविदास एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे जिन्‍होंने जीवन पर्यंत सामाजिक कुप्रथाओं को दूर करने और समाज में एकता लाने का प्रयास किया।

श्री कोविंद ने कहा कि गुरू रविदास ने प्रेम और समानता का संदेश दिया। उनके संदेश आज और भी ज्‍यादा प्रासंगिक हैं। राष्ट्रपति ने लोगों से समानता और एकता पर आधारित समाज के निर्माण का संकल्‍प लेने को कहा।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरु रविदास की जयंती पर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी है। श्री नायडू ने कहा कि गुरु रविदास जी समानता और लैंगिक समानता के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से एकता और सामाजिक सद्भाव का संदेश फैलाया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविदास जयंती पर दिल्ली के करोल बाग में गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में दर्शन किए। उन्‍होंने शबद कीर्तन में भाग लिया और लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना की। ट्वीट संदेश में कल श्री मोदी ने कहा था कि जिस तरह से गुरु रविदास ने समाज से जात-पात और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया उससे सभी को प्रेरणा मिलती है।  उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हर कदम और हर योजना में गुरु रविदास की भावना को आत्मसात किया है। श्री मोदी ने कहा कि काशी में गुरु रविदास की स्मृति में निर्माण कार्य पूरी भव्यता के साथ चल रहा है।

केन्‍द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरू रविदास जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। एक ट्वीट में उन्‍होंने कहा कि गुरू रविदास ने अपने विचारों और कृतियों से समाज में आध्‍यात्मिक चेतना जगायी और मानव कल्‍याण की राह दिखाई। उन्‍होंने कहा कि संत रविदास का एकता और समानता का संदेश हमेशा लोगों का मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि सरकार समाज के प्रत्‍येक वर्ग के जीवन स्‍तर में सुधार के लिए काम कर रही है।

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरू रविदास की जयंती पर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी है। एक ट्वीट में श्री ठाकुर ने कहा कि संत रविदास ने अपनी लेखन शैली और रचनाओं में हमेशा मानवीय एकता और समानता पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि संत की समानता, सद्भावना और करूणा का संदेश युगों-युगों तक सभी को प्रेरित करता रहेगा। 

 
  (Aabhar Air News)