प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पर्यावरण में स्थिरता, जलवायु न्याय के जरिए ही हासिल की जा सकती है। ऊर्जा और संसाधन संस्थान-टेरी के विश्व सतत विकास शिखऱ सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से श्री मोदी ने कहा कि जलवायु संबंधी सफल कार्यों के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता की आवश्यकता है। इसके लिए विकसित देशों को फाइनेंस और प्रौद्योगिकी अंतरण के बारे में प्रतिबद्धताएं पूरी करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि निरंतरता के लिए वैश्विक हित में समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोगों की ऊर्जा जरूरतें अगले बीस वर्ष में दोगुनी होने की संभावना है और इस ऊर्जा से इनकार का मतलब लाखों लोगों को जीवन से इनकार करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को समान ऊर्जा उपलब्ध कराना भारत की पर्यावरण नीतियों का मुख्य स्तंभ रहा है।


श्री मोदी ने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत भारत सरकार ने किसानों को नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और सतत विकास उनके बीस वर्ष के शासकीय जीवन में ध्यान का मुख्य केंद्र रहे हैं, पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और अब राष्ट्रीय स्तर पर ।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोग हमेशा प्रकृति और संस्कृति के साथ मिल कर जीवन जीते रहे हैं। संस्कारों, दैनिक रीति रिवाजों और अनेक फसल पर्वों में भारतीयों का प्रकृति के साथ मजबूत संबंध दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि साधनों का कम उपयोग, पुनः उपयोग, प्रतिपूर्ति, रि-डिजाइन और पुनर्निर्माण भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने के अभिन्न अंग रहे हैं। श्री मोदी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हाल ही में भारत की दो और दलदली भूमि को रामसर स्थलों के रूप में मान्यता दी गई है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब दस लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले उनचास रामसर स्थल हैं। श्री मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के जरिए भारत का उद्देश्य  है - एक सूर्य - एक विश्व-एक ग्रिड।


प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी देशों को हर समय, हर जगह विश्वव्यापी ग्रिड से स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य करना चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि यह पूरे विश्व का दृष्टिकोण है कि भारत मूल्यों के लिए अडिग है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती पर ध्यान देने से सततता और समता को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि एलईडी बल्ब वितरण योजनाएं पिछले सात वर्ष से अधिक समय से चल रही हैं। इससे, हर साल  दो खरब 20 अरब यूनिट से अधिक बिजली बचाने तथा एक खऱब अस्सी अरब टन कार्बन डाइआक्साईड उत्सर्जन कम करने में सहायता मिली है।


श्री मोदी ने कहा कि लोग हमारी धरती के नाजुक होने की बात करते हैं, लेकिन धरती नाजुक नहीं है, बल्कि हम नाजुक हैं और धरती के लिए तथा प्रकृति के लिए हमारी प्रतिबद्धताएं नाजुक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1972 में स्टॉकहोम कांफ्रेंस के बाद से पिछले 50 वर्ष में बहुत कुछ किया गया है तथा बहुत कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत में हमें अभी लम्बा सफर तय करना है।


श्री मोदी ने कहा कि आपदा अनुकूल अवसंरचना के लिए गठबंधन-सीडीआरआई का उद्देश्य अक्सर प्राकृतिक आपदाओं की आशंका वाले क्षेत्रों में सशक्त अवसंरचना का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि सीओपी-26 की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप हमने संकट की आंशका वाले द्विपीय राज्यों के लिए अवसंरचना पहल की है। उन्होंने कहा कि द्वीप विकासशील राज्य अधिक नाजुक स्थिति में हैं, इसलिए उन पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।


प्रधानमंत्री ने कहा इन कार्यक्रमों में अब हमने लाइफ कार्यक्रम भी जोड दिया है, जिसका अर्थ है लाइफ स्‍टाइल फॉर इन्‍वायरमेंट अर्थात पृथ्‍वी पर पर्यावरण में सुधार के लिए जीवन शैली विकल्‍पों का चयन करना इस पहल में विश्‍वभर से समान विचारधारा वाले लोगों का गठबंधन बनाया जाएगा, जो स्‍थायी जीवनशैलियों को प्रोत्‍साहित करेगा। श्री मोदी ने तीन पी- अर्थात प्रो प्‍लेनेट पीपल यानी गृह के अनुकूल लोग का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहा कि तीन पी से जुडे लोगों का आंदोलन लाइफ के लिए गठबंधन का काम करेगा।


यह सम्‍मेलन टेरी का प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है और इस वर्ष का विषय है उन्‍नत गृह की दिशा में प्रयास-स्‍थायी और समान भविष्‍य सुनिश्चित करना। इसमें जलवायु परिवर्तन, स्‍थायी उत्‍पादन, ऊर्जा रूपांतरण, वैश्विक साझा और संसाधन, सुरक्षा आदि अनेक विषयों पर चर्चा की जाएगी।


कल से शुरू हुआ सम्‍मेलन तीन दिन तक चलेगा। इसमें डोमिकन रिपब्लिक के राष्‍ट्रपति लुई अबीन्‍डर, गयाना के राष्‍ट्रपति डॉक्‍टर इरफान अली, संयुक्‍त राष्‍ट्र के उपमहासचिव अमीना जे मोहम्‍मद, विभिन्‍न अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों के अध्‍यक्ष और मंत्री तथा एक दर्जन से अधिक देशों के राजनयिक और 120 देशों के प्रतिनिधि हिस्‍सा ले रहे हैं। (Aabhar Air News)