भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। मौद्रिक नीति समिति ने लचीला रूख अपनाते हुए सर्वसम्‍मति से यह फैसला लिया। द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकंत दास ने कहा कि सीमांत स्थायी सुविधा यानी - मार्जिनल स्‍टेंडिंग फैसिलिटी की दर और प्रमुख ब्‍याज दरें- रेपो रेट 4 दशमलव दो-पांच प्रतिशत और रिर्वस रेपो दर 3 दशमलव तीन-पांच प्रतिशत यथावत बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क और राज्य की वैट दरों में हाल में की गई कमी से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ने से खपत की मांग भी बढेगी। अर्थव्‍यवस्‍था में वृद्धि पर संतोष व्यक्त करते हुए श्री दास ने कहा कि अगस्त महीने से सरकारी खपत भी बढ़ रही है। रिजर्व बैंक ने 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद-जी डी पी की वृद्धि दर 9 दशमलव 5 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है। तीसरी तिमाही में यह 6 दशमलव 6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में छह प्रतिशत रह सकती हैं। वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्‍पाद की दर 17 दशमलव 2 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7 दश्‍मलव 8 प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया गया है। 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 5 दशमलव 3 प्रतिशत रह सकती है। श्री शक्तिकांत दास ने यह भी बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक फोन के उपयोगकर्ताओं के लिए यूपीआई आधारित एकीकृत भुगतान योजना की शुरू करने की सोच रहा है।                    (Aabhar Air News)