ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन या हरित अमोनिया के उत्पादन के लिए हरित हाइड्रोजन/हरित अमोनिया नीति की अधिसूचना जारी की है। जीवाश्म ईंधन के स्थान पर हाइड्रोजन और अमोनिया की भविष्य के ईंधन के रूप में परिकल्पना की गई है। अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया ईंधन, पर्यावरण की दृष्टि से राष्ट्र की स्थायी ऊर्जा सुरक्षा की प्रमुख आवश्यकताओं में से एक है।
सरकार जीवाश्म ईंधन को हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया में बदलने को सुविधाजनक बनाने के विभिन्न उपाय कर रही है। इस नीति की अधिसूचना इस प्रयास के प्रमुख चरणों में से एक है।
इस नीति के लागू होने से देश में स्वच्छ ईंधन उपलब्ध हो सकेगा। इससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और कच्चे तेल का आयात भी कम होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष भारत के 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन का शुभारंभ किया था। इस मिशन का उद्देश्य सरकार को अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और भारत को हरित हाइड्रोजन का केंद्र बनाने में सहायता करना है।
इससे 2030 तक 50 लाख टन हरित हाइड्रोजन के उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी। (Aabhar Air News)