प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वर्ष 2022-23 के बजट ने 21वीं सदी के भारत के विकास की गतिशक्ति निर्धारित कर दी है। गति शक्ति योजना की परिकल्पना और बजट में समाहित प्रावधानों पर वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचना पर आधारित विकास से देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी तथा रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार आधारभूत संरचना के विकास के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है, जिसमें गतिशक्ति काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013-14 में पूंजीगत व्यय एक लाख 75 हजार करोड़ रूपये था जबकि वर्ष 2022-23 में ही इसमें चार गुणा वृद्धि की गई है और अब यह सात लाख पचास हजार करोड़ रुपए हो गया है। सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलमार्ग, हवाई मार्ग, जलमार्ग, ऑप्टिकल फाइबर और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों के निवेश में बढोतरी की है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार इन क्षेत्रों के विकास के लिए बहुत बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना समन्वित तरीके से ढांचागत योजना, क्रियान्वयन और निगरानी का काम करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे का बहुत बड़ा प्रभाव होता है और इससे जीवन को सुगम बनाने के साथ ही कारोबार भी आसान हो जाता है। संघवाद पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्यों की सहायता के लिए इस बजट में एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
वेबिनार का आयोजन वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने किया है। इसका विषय है -'त्वरित आर्थिक विकास के लिए समन्वय।वेबिनार में चर्चा के लिए विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारी, प्रमुख शिक्षाविद और उद्योग जगत के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। (Aabhar Air News)