उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के छठे चरण के लिए मतदान जारी है। मतदान शाम छह बजे तक चलेगा। इस चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर मतदान हो रहा है।
हमारे संवाददाता ने बताया है कि जिन दस जिलों में मतदान हो रहा है उनमें बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीरनगर, अंबेडकरनगर, गोरखपुर, देवरिया और बलिया शामिल हैं। इस चरण में 66 महिलाओं सहित कुल 6 सौ 76 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार गाोरखपुर (शहर) विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके अलावा मंत्री सूर्य प्रताप शाही, जय प्रताप सिंह, सतीश चंद्र द्विवेदी और जय प्रकाश निषाद के भी चुनावी भाग्य का फैसला आज के मतदान से हो जायेगा।
कुशीनगर जिले में भी दो बडे नेता अपना भाग्य अजमा रहे हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तमकुहीराज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
सुश्री मायावती की सरकार में मंत्री रहे राम अचल राजभर, लालजी वर्मा इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में सातवें चरण का मतदान सोमवार को नौ जिलों के 54 विधानसभा क्षेत्रों में होगा। इनमें 11 सीटें अनुसूचित जाति और दो अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। इनमें मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही जिले शामिल हैं। कुल 613 उम्मीदवार मैदान में हैं। गाजीपुर सीट पर सबसे अधिक 19, जबकि वाराणसी जिले की पिंडरा और शिवपुर सहित दो सीटों के लिए सबसे कम छह उम्मीदवार हैं।
इसके साथ ही असम में माजुली सीट के लिए विधानसभा उपचुनाव भी होगा। यहां मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। सत्तारूढ़ भाजपा ने भुवनेश्वर गाम को मैदान में उतारा है, जबकि असम जातीय परिषद ने चित्तरंजन बसुमतारी तो सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने भाती रिचोंग को उम्मीदवार बनाया है। कुल एक लाख 33 हजार दो सौ 27 मतदाता हैं। इनमें 67 हजार आठ सौ 19 पुरूष और 65 हजार चार सौ आठ महिला मतदाता शामिल हैं। राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद इस सीट से केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के इस्तीफे के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है।
निर्वाचन आयोग ने कोविड मामलों में कमी को देखते हुए चुनाव वाले राज्यों में प्रचार के लिए निर्धारित शर्तों में ढील दी है। राजनीतिक दल और उम्मीदवार अब सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक प्रचार कर सकते हैं। उम्मीदवारों और पार्टियों को प्रचार के दौरान राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कोविड संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
आयोग ने राजनीतिक सभाओं और रैलियों के लिए निर्धारित स्थान की 50 प्रतिशत क्षमता के उपयोग पर प्रतिबंध में भी ढील दी है। राजनीतिक दल और उम्मीदवार अब राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के नियमों के अनुसार ही बैठकें और रैलियां आयोजित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ-साथ संबंधित जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति से रोड शो का भी आयोजन किया जा सकता हैं। आयोग ने तत्काल प्रभाव से वर्तमान और भविष्य में होने वाले सभी चुनावों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या और इनकी सूची जमा करने की समय अवधि की अधिकतम सीमा को बहाल करने का भी निर्णय लिया है। आयोग ने कोविड मामलों में कमी और केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दिए जाने को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है। आयोग ने अब मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के लिए स्टार प्रचारकों की अधिकतम संख्या 40 निर्धारित किए हैं जबकि अन्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लिए यह संख्या 20 होगी। इससे पहले आयोग ने अक्टूबर 2020 में मान्यता प्राप्त पार्टियों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या घटा दी थी।
मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का प्रचार आज शाम समाप्त हो जाएगा। इस चरण में शनिवार को दस जिलों की 22 सीटों पर मतदान होगा। इनमें 11 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं। इन जिलों में थौबल, काकचिंग, जिरीबाम, चंदेल, तेंगनौपाल, कामजोंग, उखरूल, सेनापति, तामेंगलोंग और नोनी जिले शामिल हैं। दो महिलाओं सहित 92 उम्मीदवार मैदान में हैं। वांगखेम सीट के लिए सबसे अधिक आठ उम्मीदवार हैं। चंदेल और नुंगबा निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
निर्वाचन आयोग ने मणिपुर के पांच विधानसभा क्षेत्रों के बारह मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान आदेश दिए हैं। पुनर्मतदान शनिवार को दूसरे चरण के साथ कराया जाएगा। इनमें पूर्वी इंफाल जिले में खुंद्रकपम, कांगपोकपी में सैतु और चुड़ाचांदपुर जिले की थानलोन, हेंगलप और सिंघाट सीट शामिल हैं।
इससे पहले, 38 विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण के मतदान में 88 दशमलव छह-तीन प्रतिशत का रिकॉर्ड मतदान हुआ। इस चरण में महिलाओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक देखी गई।
इस बीच, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के साथ-साथ असम की माजुली विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी प्रचार जोरों पर है। विभिन्न राजनीतिक दलों के स्टार प्रचारक और प्रमुख नेता जनसभाएं करने के साथ ही घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। ये नेता वर्चुअल माध्यम से भी मतदाताओं से अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने की अपील कर रहे हैं। (Aabhar Air News)